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IAS जूथिका पाटणकर और विकास गोठलवाल का वीआरएस मंजूर, श्रीनिवासुलु की अर्जी केंद्र भेजी गयी

यूपी में इन दिनों आईएएस अफसरों के इस्तीफों की बाढ़ आयी है. यूपी कैडर के तीन IAS अफसरों ने हाल ही में वीआरएस के आवेदन किया है. 2005 बैच के आईएएस जी. श्रीनिवासुलु ने मंगलवार को इस्तीफा दिया था. उनकी सेवाएं अभी 2030 तक थीं. इसी माह 2008 बैच के IAS विद्या भूषण ने भी इस्तीफा दिया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2022 9:19 AM

Lucknow: 1988 बैच की IAS जूथिका पाटणकर और 2003 बैच के IAS विकास गोठलवाल वीआरएस की अर्जी सरकार ने मंजूर कर ली है. रेणुका कुमार हाल ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आयी थी. माना जा रहा था कि उन्हें यूपी सरकार में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. लेकिन उन्होंने वीआरएस मांगकर सभी कयासों पर विराम लगा दिया था.जबकि 2005 बैच के आईएएस जी. श्रीनिवासुलु के इस्तीफे को केंद्र सरकार भेजा गया है.

यूपी कैडर में IAS अफसरों के इस्तीफे-वीआरएस की लंबी लाइन

यूपी में इन दिनों आईएएस अफसरों के इस्तीफों की बाढ़ आयी है. यूपी कैडर के तीन IAS अफसरों ने हाल ही में वीआरएस के आवेदन किया है. 2005 बैच के आईएएस जी. श्रीनिवासुलु ने मंगलवार को इस्तीफा दिया था. उनकी सेवाएं अभी 2030 तक थीं. इसके बावजूद उनका इस्तीफा चर्चा का विषय बना हुआ है. श्रीनिवासुलु ने सिविल सेवा छोड़ने का कारण स्वास्थ्य में दिक्कतें बतायी हैं. इससे पहले IAS रेणुका कुमार (1987 बैच), विकास गोठलवाल (2003 बैच, विद्या भूषण (2008 बैच) ने भी वीआरएस की अर्जी दी थी.

सितंबर में दो IAS मांग चुके हैं वीआरएस

IAS अधिकारी विद्या भूषण ने इसी माह इस्तीफा दिया था. विद्या भूषण 2008 बैच के आईएएस हैं और मूलत: बिहार के हैं. विद्या भूषण की पत्नी आईपीएस अलंकृता सिंह हैं. जिन्हें बिना बताये छुट्टी पर जाने के कारण यूपी सरकार ने निलंबित किया है. IAS विद्या भूषण प्रतापगढ़, इटावा व अमेठी में डीएम रह चुके हैं. उन्हें 27 अप्रैल 2021 को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी का एमडी बनाया गया था. लेकिन अचानक उनके इस्तीफा देने से हड़कंप मच गया था. अब जी. श्रीनिवासुलु का इस्तीफा चर्चा में है.

यूपी कैडर में 550 IAS

यूपी कैडर में लगभग 550 आईएएस अधिकारी हैं. इनमें से कुछ लोग ही सत्ता के करीब होने के कारण महत्वपूर्ण पदों पर हैं. माना जाता है कि IAS अफसर के लिये डीएम का कार्यकाल महत्वपूर्ण हैं. इसके बाद वह शासन में सचिव, प्रमुख सचिव के पदों पर जाते हैं. लेकिन इनमें भी अच्छे विभाग पाने के लिये सत्ता का खास होना जरूरी माना जाता है. महत्वपूर्ण विभाग न मिलने के कारण भी IAS अधिकारियों में इस सेवा के प्रति मोहभंग होता जा रहा है.

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