इटावा में सीखी हिंदी, बैलगाड़ी चलाकर बटोरी सुर्खियां, जानिए कौन हैं बरेली की नई कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे

बरेली की मंडलायुक्त (कमिश्नर) सेल्वा कुमारी जयराजन को बनाया गया है, जोकि वर्तमान में अलीगढ़ की डीएम हैं. बरेली के कमिश्नर आर रमेश कुमार को प्रमुख सचिव रेशम विभाग बनाकर भेजा गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 8, 2022 10:48 AM

Bareilly News: यूपी में मंगलवार शाम 21 प्रशासनिक अधिकारियों (IAS) के ट्रांसफर हुए हैं. इस क्रम में अलीगढ़ की जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जयराजन (सेल्वा कुमारी जे) को बरेली की मंडलायुक्त (कमिश्नर) बनाया गया है. वहीं, बरेली के कमिश्नर आर रमेश कुमार को प्रमुख सचिव रेशम विभाग बनाकर भेजा गया है.

2006 बैच की आईएएस अधिकारी हैं सेल्वा कुमारी जे

सेल्वा कुमारी जे 2006 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. मुजफ्फरनगर में डीएम रहने के दौरान वह छुट्टी के दिन बैलगाड़ी (भैंसा गाड़ी) चलाकर सुर्खियों में आ गई थीं, उनकी ये फ़ोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी. सेल्वा कुमारी जे की सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल के मुताबिक, वह मूल रूप से चेन्नई की रहने वाली हैं. सेल्वा कुमारी जे का जन्म 16 मई 1977 को हुआ था. उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी में डिग्री हासिल की.

कासगंज जिले में मिला डीएम का पहला चार्ज

सेल्वा कुमारी जे. साल 2006 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनीं. उन्होंने 9 जून 2007 को वारणसी से बतौर कलेक्टर नौकरी की शुरुआत की थी. इसके बाद ललितपुर, वाराणसी में तैनात रहीं. महोबा और झांसी में मजिस्ट्रेट रही. झांसी में सीडीओ का पद संभाला. मगर, डीएम का पहला चार्ज उन्हें कासगंज जिले में आने पर मिला. इसके अलावा कन्नौज, बहराइच, एटा, फतेहपुर, इटावा, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर में भी वह डीएम रह चुकी हैं.

जुलाई 2021 में बनीं अलीगढ़ की डीएम

सेल्वा कुमारी जे. जुलाई 2021 में अलीगढ़ की डीएम बनी. उनके पति भी आईएएस अधिकारी हैं, जो बरेली में कुछ समय पूर्व कमिश्नर रहे थे. उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में महिला कल्याण स्वास्थ्य और स्वच्छता में अग्रणी काम करने के लिए नारी शक्ति पुरस्कार समेत तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.

इटावा में सीखी हिंदी

यूपी कैडर की आईएएस सेल्वा कुमारी जे को यूपी में पोस्टिंग के दौरान हिंदी नहीं आती थी. मगर, उन्होंने इटावा में पोस्टिंग के दौरान हिंदी को बहुत नजदीक से जाना और अच्छे से सीख भी लिया. अब वह अच्छी हिंदी बोलती हैं. आज के समय में महिला अधिकारी की गिनती देश के तेजतर्रार आईएएस अफसरों में की जाती है.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद

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