Kanpur: आईसीसी अंडर-19 महिला विश्व कप के फाइनल में भारतीय महिला टीम की जीत के बाद सभी सदस्यों के परिजन बेहद खुश हैं. इस मैच में उन्नाव के बांगरमऊ की अर्चना ने भी शानदार खेल का प्रदर्शन किया. अर्चना का खेल देखने के लिए रविवार को जहां उसके गांव में खास इंतजाम किया गया था, वहीं जीत के बाद से बेहद जश्न का माहौल है. सोमवार को भी गांव में अर्चना की मेहनत और उसके खेल का जिक्र होता रहा.
गांव के लोग अर्चना के परिजनों को शुभकामनाएं देते रहें. बेटी के इस प्रदर्शन से मां बाप बेहद गदगद हैं और लोग गांव का नाम रोशन करने के लिए अर्चना को दुआएं देते नहीं थक रहे. लोगों ने आतिशबाजी करके अपनी खुशी का इजहार किया.
इससे पहले रविवार को स्थानीय प्रशासन के सहयोग से भेंट किये गए इन्वर्टर से टीवी चली और घर के साथ गांव के लोगो ने आनंद लिया. अर्चना ने एक शानदार कैच भी पकड़ा और शुरुआती ओवर में 2 विकेट झटक लिए, जिससे भारत ने इंग्लैंड को शिकस्त दी और विश्वकप अपने नाम कर लिया. अर्चना को टीवी में देखकर गांव के लोग काफी उत्साहित नजर आए.
अंडर 19 विश्वकप में बीसीसीआई की ओर से जब अर्चना का सिलेक्शन हुआ, तभी से गांव के लोग उसे टीवी पर देखने को उत्साहित थे. गांव में बिजली और संसाधन न होने के कारण लोगों को अर्चना का मैच दिखाने के लिए पुलिस मुख्यालय में तैनात अधिकारी मनोज पांडेय ने बिल्हौर पुलिस को निर्देशित किया.
इसके बाद बिल्हौर पुलिस में तैनात दारोगा राजेश सिंह और कमल सिंह इन्वर्टर लेकर अर्चना गांव पहुंचे. वहीं हल्का इंचार्ज की मदद से अर्चना के घर के बाहर टीवी लगवाया गया, जिससे शाम को 5 बजे शुरू हुए मैच का गांव के लोगों ने लुत्फ उठाया. अर्चना ने जैसे ही गेंदबाजी शुरू की, वैसे ही गांव के लोग उत्साहित नजर आए. यही नहीं तालियों से अभिवादन भी किए.
बताते चलें कि अर्चना ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों को दिल जीत लिया. गेंदबाजी और फील्डिंग से अर्चना का भारत को जीत दिलाने में अहम योगदान रहा. अर्चना के शानदार प्रदर्शन की चर्चाएं पूरे गांव में होती रही. अर्चना उन्नाव कानपुर के बॉर्डर बांगरमऊ की रहने वाली है. कानपुर से अर्चना ने क्रिकेट एकेडमी से मैच सीखा है. अर्चना की गिनती अच्छे गेंदबाजों में गिनी जाती है.
Also Read: Kanpur: डायल 112 में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर अवैध वसूली का लेटर वायरल, अफसर की शह पर चला रहा सिंडिकेट, जांचअंडर 19 विश्वकप में भारतीय टीम की जीत और विश्वकप अपने नाम करने पर अर्चना के गांव के लोगो जमकर आतिशबाजी की गई. यहीं नहीं अर्चना के गांव का नाम रोशन करने पर लोग काफी उत्साहित नजर आये. अर्चना निर्धन परिवार से ताल्लुक रखती है. उसके पिता की बीमारी के चलते कई वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी. मां सावित्री ने किसी तरह बेटी अर्चना और बेटे रोहित को पढ़ाया. अर्चना ने गांव के ही इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की है. अर्चना के घर के बाहर छप्पर पड़ा हुआ है. गांव का नाम रोशन करने पर अर्चना की मां सावित्री देवी के खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी