Varanasi News: आईआईटी बीएचयू के खाते में एक नई उपलब्धि दर्ज हुई है. यह संस्थान देश की जरूरत के मुताबिक शीघ्र भावी रक्षा व सुरक्षा तकनीक तैयार करेगा. रक्षा मंत्रालय ने संस्थान में डीआरडीओ इंडस्ट्री एकेडेमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने को मंजूरी दी है. रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (डीडीआरएंडडी) के सचिव तथा संस्थान के निदेशक जल्द संबंधित मसौदे पर हस्ताक्षर करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के स्वप्न के अनुकूल यह केंद्र होगा. आरंभिक तौर पर यह केंद्र पाउडर मेटलर्जी, हाई पावर माइक्रोवेव सोर्स और डिवाइस पर शोध को गति देगा. यह क्षेत्र सीधे तौर पर भारत की तीनों सेनाओं के अस्त्रों, प्रक्षेपास्त्रों, मशीन, इंजन, राडार व अन्य सुरक्षा उपकरणों के उन्नयन से जुड़े हैं. यह केंद्र भारतीय सेनाओं के लिए इन उपकरणों को विदेश से मंगाने की बजाय देश में ही बनाने का का रास्ता खोलेगा. डीआरडीओ सेना के लिए उपकरण विकसित करने वाला जानामाना संस्थान है और आईआईटी बीएचयू इसके काम में आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान की दिशा में सहयोग करेगा. पिछले कई महीनों में डीआरडीओ और आईआईटी बीएचयू के बीच इस केंद्र की स्थापना के लिए कई बैठकें भी हुईं.
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि इस केंद्र का उद्देश्य देश के लिए घरेलू सुरक्षा तकनीक मुहैया कराना व इनके आयात पर निर्भरता को कम करना है. यह केंद्र डीआरडीओ के विज्ञानियों और संस्थान के प्राध्यापकों के बीच सहयोग में महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने कहा कि आईआईटी बीएचयू के सभी विभागों को इस केंद्र की सभी सुविधाएं मिलेंगी. अन्य संस्थान भी चाहें तो इस केंद्र से जुड़ सकते हैं. आईआईटी बीएचयू के डीन (रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट) प्रो. विकास कुमार दुबे ने उम्मीद जताई है कि बहुत से स्टार्टअप और कंपनियां भी इस केंद्र से जुड़ने की इच्छा जताएंगी.