अमेठी. पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. इसे हराने की हर कोशिश जारी है. वहीं इससे इतर यूपी के अमेठी में सियासी जंग शुरू हो गई है. राहुल गांधी के गौरीगंज स्थित जनसंपर्क कार्यालय पर रविवार की शाम प्रशासनिक छापेमारी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि फेक न्यूज न फैलाएं. बता दें कि बिना किसी आदेश के कांग्रेस कार्यालय के गोदामों व दूसरे कक्षों का ताला खुलवाया जाने से कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हैं. अमेठी से लेकर राजधानी दिल्ली तक महौल गर्म हो गया है. कांग्रेस नेता भाजपा सरकार व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर आरोप लगा रहे हैं.
कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोरोना पीड़ितों की राहुल-प्रियंका की ओर से की जा रही मदद रास नहीं आ रही है. इसे रोकने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह ने कहा कि कोरोना संकट में राहुल गांधी और प्रियंका की देखरेख में कांग्रेस के कार्यकर्ता घर-घर पहुंच कर हजारों गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं. ऐसे समय में यह कार्रवाई कहीं से भी उचित नहीं है. इस संबंध में डीएम अरुण कुमार ने कहा कि अमेठी प्रशासन की ओर से छापेमारी जैसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. मामला सामने आने पर एसडीएम गौरीगंज से जांच कराई गई. जिलाधिकारी ने भी रविवार रात ट्विटर पर यह एसडीएम की जांच रिपोर्ट को भी साझा किया है.
स्मृति ईरानी ने अपने ट्वीट में कहा है कि ‘ कांग्रेस कार्यकर्ता 25 मार्च से अमेठी में इसी प्रशासन की ओर से जारी किए गए पास लेकर गरीबों पीड़ितों को राहत देने के नाम पर घूम रहे हैं. अमेठी प्रशासन की लगातार की जा रही मेहनत का ही परिणाम है कि अमेठी अभी कोरोना से मुक्त है. प्रशासन को बदनाम ना करें. उल्लेखनीय है कि अमेठी में अब तक कोरोना का कोई मामला नहीं सामने आया है.
सूत्रों के अनुसार रविवार शाम को अमेठी के तहसीलदार के नेतृत्व में जिला प्रशासन के अधिकारी और और पुलिस गौरीगंज स्थित कांग्रेस कार्यालय पहुंची. वहां से सभी सीधे राहुल गांधी के जनसंपर्क कार्यालय गए और वहां पर मौजूद राहत सामग्रियों की जांच की. वहां के लोगों से रखी राहत सामग्रियों के बारे में पूछताछ करने के बाद प्रशासन और पुलिस की टीम लौट गई. इसके बाद एमएलसी दीपक सिंह ने ट्वीट कर मामले को हवा दे दिया.