Lucknow: यूपी में आयकर विभाग की एक नोटिस के बाद आईएएस लॉबी में हड़कंप मच गया है. इस नोटिस ने ब्यूरोक्रेसी की नींद उड़ा दी है और हर तरफ इसकी चर्चा हो रही है. मामला लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी से जुड़ा है, जिनकी बेनामी संपत्ति को लेकर आयकर विभाग ने यह नोटिस जारी किया है.
बताया जा रहा है कि आयकर विभाग को इंद्रमणि त्रिपाठी की बेनामी संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली थी. इसकी शिकायत उसके पास पहुंची थी, इसके बाद आयकर विभाग ने अपने स्तर से पड़ताल की तो आरोप सही पाए गए.
इसके बाद यह नोटिस जारी कर बेनामी संपत्ति की जानकारी के साथ-साथ आय-व्यय का लेखा-जोखा भी तलब किया गया है. हालांकि इस नोटिस को लेकर आयकर अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहे हैं. वहीं इंद्रमणि त्रिपाठी की ओर से भी कुछ नहीं कहा गया है.
बताया जा रहा है कि गोमतीनगर में सृजन विहार में एक आलीशान मकान बन रहा है. इस मकान को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं. इस संपत्ति को भी इंद्रमणि त्रिपाठी से जोड़ कर देखा जा रहा है. इसमें क्या सच्चाई है यह जांच के बाद सामने आएगा. वहीं आयकर विभाग नोटिस का जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई को आगे बढ़ाएगा.
इन्द्रमणि त्रिपाठी को इस वर्ष जून माह के अंतिम सप्ताह में एलडीए वीसी बनाया गया था. अपना कार्यभार ग्रहण करने के दौरान उन्होंने अवैध निर्माण रोकने को सबसे बड़ा चैलेंज बताया था. इसके अलावा शहर को सुंदर बनाने को लेकर विशेष प्लानिंग की बात कही थी. हालांकि लखनऊ विकास प्राधिकरण शहर की तस्वीर तो नहीं बदल सका. लेकिन, उसके उपाध्यक्ष जरूर जांच के घेरे में आ गए हैं.
इंद्रमणि त्रिपाठी को लेकर इसलिए भी आईएएस लॉबी में काफी चर्चा है, क्योंकि वह नगर आयुक्त रहते काफी सुर्खियों में थे. कोविड के दौरान उन्होंने लखनऊ की गलियों को खुद सैनिटाइज किया था. कर्मचारियों में किसी तरह का डर और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए वे हर समय मौके पर रहते थे. इसके अलावा सभी जोन में खाने का पैकेट तैयार करवाया जाता था.
इंद्रमणि त्रिपाठी के अपनी तनख्वाह से डेढ़ लाख रुपये जमा करने की भी चर्चाएं काफी थी. उनके रहते सड़क पर घूमने वाले गाय और कुत्तों के लिए प्रतिदिन 20 हजार से ज्यादा रोटियां और अन्य खाने के सामान तैयार किए जा रहे थे, ऐसा करने वाला नगर निगम लखनऊ देश का पहला शहर था. वहीं अब उन्हे इनकम टैक्स का नोटिस मिलने के बाद यूपी की ब्यूरोकेसी में हड़कंप मच गया है, कई अफसर घबरा गए हैं. उन्हें अपनी शिकायत होने और जांच का डर सता रहा है.
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इस मामले में सपा नेता आईपी सिंह ने योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि इंद्रमणि त्रिपाठी तो एक नमूना हैं. अरबपति नगर आयुक्त के बाद वह लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी हैं. वह अकेले ऐसे अफसर नहीं हैं. योगी सरकार में 99 प्रतिशत ऐसे ही मालामाल अफसर हैं.