Aligarh News: हर घर तिरंगा अभियान के तहत अलीगढ़ में 13 से 15 अगस्त तक 5 लाख 46 हजार तिरंगे लगाए जाएंगे. डीएम ने हर घर तिरंगा को लेकर 10 बातों को भी ध्यान रखना के निर्देश जारी किए हैं.
11 से 17 अगस्त को ‘स्वतंत्रता सप्ताह’ के रूप में मनाया जा रहा है. इसके अन्तर्गत पूरे अलीगढ़ में 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ का आयोजन किया जाएगा. जिलाधिकारी ने कलक्ट्रेट सभागार में ‘हर घर तिरंगा’ पर बैठक ली. बैठक में तय हुआ कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत अलीगढ़ में 5 लाख 46 हजार राष्ट्रध्वज फहराए जाएंगे. सभी भवनों, सरकारी और गैरसरकारी कार्यालयों, वाणिज्यिकऔद्योगिक इकाइयों अन्य प्रतिष्ठानों कार्यालयों पर ध्वजारोहण होगा. डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि सभी अपने फहराए तिरंगा के साथ सेल्फी लेकर https://harghartiranga.com/ पर पोस्ट कर सकते हैं.
‘हर घर तिरंगा’ के महा आयोजन से आमजन को जोड़ने के लिए तिरंगा बांटने की विशाल योजना बनाई गई है. लोगों को झण्डा आसानी से उपलब्ध कराने के लिए राशन की दुकानों, ग्राम पंचायत भवनों, जनसेवा केन्द्रों, तहसील, ब्लॉक मुख्यालयों, प्राथमिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों और पेट्रोल पम्प, एलपीजी सेण्टरों, जिलों के विकास भवन, नगर निगम, नगर पालिका, अर्बन लोकल बॉडी, विकास प्राधिकरण, सिविल डिफेंस से वितरित कराया जाएगा.झण्डा स्थानीय स्तर पर स्वयं सहायता समूह एवं केंद्रीकृृत प्रणाली द्वारा एमएसएमई के माध्यम से प्रति झंण्डा 21 रूपये निर्धारित किया गया है.
राष्ट्र ध्वज हमारी ‘अस्मिता’ एवं आन, बान, शान का प्रतीक है. राष्ट्रध्वज संहिता के अनुरूप ध्वजारोहण में नियमों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए. इस बारे में तहसील, ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर लोगों को नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
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राष्ट्रीय ध्वज का वाणिज्यिक उपयोग नहीं किया जा सकता और न ही इसे किसी को सलामी देने के लिए झुकाया जा सकता.
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राष्ट्रीय ध्वज को जलाने, काटनेफाड़ने, गंदा करने, कुरूपित करने, कुचलने, मौखिक या लिखित तौर पर अपमानित करने पर तीन वर्ष तक की सजा और जुर्माना.
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पोशाक, वर्दी, तकिया कवर, रूमाल, चादर, नेपकीन आदि में तिरंगे का इस्तेमाल अपराध.
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तिरंगे को जब फहराया जाए तो वह कटाफटा, अस्तव्यस्त, गंदा सिला हुआ नहीं हो.
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केवल ध्वजारोहण के लिए तिरंगे में गुलाब की पंखुड़िया बांधी जा सकती है, इसके अलावा तिरंगा झंडा को मोड़कर बांधा नहीं जा सकता.
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तिरंगे का इस्तेमाल किसी प्रतिमा अथवा स्मारक को ढ़कने के लिए नहीं.
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झंडे को जानबूझकर जमीन पर छुआना या पानी में डुबोना उसके अपमान की श्रेणी में.
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झंडा फहराते वक्त केसरिया रंग की पट्टी सदैव ऊपर रहेगी, झंडा जहाँ फहराया जा रहा हो, वहाँ उसे फैलाने के लिए पर्याप्त जगह हो.
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झंडा फहराने की रॉड में उसके साथ कोई और झंडा नहीं बांधा जा सकता.
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किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर या ऊंचा या बराबर नहीं लगाया जा सकता.
रिपोर्ट : चमन शर्मा