आज LIVE होने वाली इन दो ट्रेनों की भिड़ंत के बाद थम जाएगा UP में रेल हादसों का सिलसिला? पढ़ें रिपोर्ट
आज तेलंगाना के सिकंदराबाद में दो ट्रेनों के बीच भीषण टक्कर होगी. जिन दो ट्रोनों के बीच टक्कर होगी उनमें से एक ट्रेन में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव सवार होंगे, जबकि दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मौजूद रहेंगे.
Lucknow News:. भारतीय रेलवे देश का सबसे सस्ता परिवहन है, जोकि सड़क परिवहन की तुलना में काफी किफायती भी है, लेकिन जब कोई ट्रेन किसी हादसे का शिकार होती है या फिर आपस में टकराती हैं, तब न सिर्फ जान-माल की बड़ी हानि होती है, बल्कि सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचता है. इस तरह की दुर्घटना से निजात पाने के लिए लगातार सुधार किए जा रहे हैं. इसी क्रम में आज पूरी तैयारी के साथ दो ट्रेनों के बीच टक्कर कराई जाएगी.
ट्रेन में सवार होंगे रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव
दो ट्रेनों के बीच होनी वाली इस टक्कर के लिए तेलंगाना के सिकंदराबाद को चुना गया है, जहां इस हादसे को प्रयोग के तौर पर अंजाम दिया जाएगा. दोनों ट्रेनों के बीच फुल स्पीड के साथ टक्कर होगी. जिन दो ट्रोनों के बीच टक्कर होगी उनमें से एक ट्रेन में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव सवार होंगे, जबकि दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत अन्य रेलवे के अधिकारी मौजूद रहेंगे.
देशी ‘कवच’ का होगा परीक्षण
दरअसल, रेलवे की टक्कर के दौरान होने वाले हादसों को रोका जा सके. इसलिए ही यह परीक्षण किया जा रहा है. रेलवे ने इस स्वदेशी तकनीक का नाम ‘कवच’ रखा है. अगर यह तकनीक सफल होती है, तो भारत के हाथ दुनिया की सबसे सस्ती तकनीक लग जाएगी, जिसके जरिए ‘जीरो ट्रेन एक्सीडेंट’ के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा.
कम खर्च में हादसों को रोका जा सकेगा
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस स्वदेशी डिजिटल सिस्टम के जरिए रेड सिग्नल या फिर किसी अन्य खराबी को नोटिस किया जा सकेगा. जिसके तुरंत बाद यह सिस्टम एक्टिवेट हो जाएगा और संबंधित मार्ग से गुजरने वाली ट्रेन को रोका जा सकेगा. इस तकनीक के इस्तेमाल के लिये दुनियाभर के देश जहां करोड़ों रुपए खर्च करते हैं, वहीं भारत बहुत कम खर्च में इसका इस्तेमाल कर सकेगा.
कवच’ तकनीक का होगा प्रयोग
रेलवे के इस नए सिस्टम के जरिए उन परिस्थियों से भी निपटा जा सकता है, जब लोको पायलट ट्रेन को रोकने में असफल साबित हो जाता है. ऐसी स्थिति में ‘कवच’ तकनीक के जरिए से अपने आप ट्रेन के ब्रेक लग जाते हैं और ट्रेन को सफलता पूर्वक हादसे से पहले रोका जा सकेगा. यह कवच तकनीक हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो कम्युनिकेशन पर काम करती है. अगर यह तकनीक सफल साबित होती तो भारतीय रेलवे हादसों से बचाव के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करने में कामयाब हो जाएगा.