Bareilly News: भारतीय (इंडियन) रेलवे का संचालन अंग्रेजों ने किया था. भारत की पहली ट्रेन रेड हिल रेलवे थी, जो 1837 में रेड हिल्स से चिंताद्रिपेट पुल तक 25 किलोमीटर चली. सर आर्थर कॉटन को ट्रेन के निर्माण का श्रेय दिया गया. इसका उपयोग मुख्य रूप से ग्रेनाइट के परिवहन के लिए किया जाता था. मगर, पब्लिक परिवहन के लिए भारत में पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को बोरीवली (मुंबई) और ठाणे के बीच 34 किमी की दूरी पर चली थी. ट्रेन में 400 यात्री सवार थे.
दिलचस्प बात यह है कि इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था. मगर, आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित अमृत महोत्सव पर इंडियन रेलवे ने रेलवे को अंग्रेजों के नियमों से मुक्त करने का फैसला लिया है. इंडियन रेलवे ने स्टेशनों के इंक्वायरी (पूछताछ केंद्र) का नाम ‘सहयोग’ रखा है.
रेलवे बोर्ड के फरमान के बाद बरेली जंक्शन, रामपुर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, इज्जतनगर, बरेली सिटी आदि स्टेशन की इंक्वायरी का नाम ‘सहयोग’ कर दिया है. रेलवे के ‘सहयोग’ से आप ट्रेन के आवागमन समेत हर चीज की जानकारी ले सकते हैं. इंक्वायरी से यात्रियों को ट्रेन से जुड़ी जानकारी मिलती थी. इसके साथ ही मुश्किल में फंसे यात्रियों की हर संभव मदद करने, दिव्यांग और बुजुर्गों को व्हीलचेयर और यात्रा से संबंधित सही गाइड भी किया जाता था. इसलिए रेलवे ने इसका नाम ‘सहयोग’ कर दिया है.
इंडियन रेलवे इंक्वायरी के हेल्पलाइन नंबर 139 के प्रचार प्रसार पर भी जोर दे रहा है. यात्री अधिक से अधिक 139 का उपयोग करें. इसके लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. रेलवे स्टेशनों पर फ्लेक्स होर्डिंग लगाने की भी तैयारी है. इसके साथ ही ई टिकट पर भी हेल्पलाइन नंबर लिखा जाएगा.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद