Indian Railways: सवा 4 घंटे में तय होगा कानपुर से दिल्ली का सफर, मेल एक्सप्रेस के लिए बनेगा रिजर्व ट्रैक

Indian Railways: जून 2023 तक खुर्जा से न्यू सुजातपुर तक मालगाड़ियां डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (रिजर्व ट्रैक) पर दौड़ने लगेंगी, जिससे यात्री ट्रेनों को ट्रैक खाली मिलेंगे. इससे ट्रेनों की रफ्तार में भी इजाफा होगा. इसके अलावा यात्री सवा 4 घंटे में कानपुर से दिल्ली का सफर तय कर सकेंगे

By Prabhat Khabar News Desk | November 11, 2022 12:44 PM

Kanpur News: कानपुर से दिल्ली, प्रयागराज और लखनऊ रूट पर ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है. जून 2023 तक खुर्जा से न्यू सुजातपुर तक मालगाड़ियां डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (रिजर्व ट्रैक) पर दौड़ने लगेंगी, जिससे यात्री ट्रेनों को ट्रैक खाली मिलेंगे. इससे ट्रेनों की रफ्तार में भी इजाफा होगा. वहीं, जून तक कानपुर से दिल्ली तक मिशन रफ्तार के तहत प्रस्तावित सभी काम पूरे हो जाएंगे. यात्री ट्रेनें कानपुर से दिल्ली का सफर सवा चार घंटे में तय करेंगी, तो वहीं प्रयागराज पहुंचने में दो घंटे लगेंगे. कानपुर से लखनऊ का भी सफर मात्र 45 मिनट में पूरा हो सकेगा.

पुल का निर्माण पूरा नहीं होने पर बढ़ी समय सीमा

दरअसल, रेलवे ने मिशन रफ्तार के तहत चल रहे कार्यों की समय-सीमा तय कर दी है. खुर्जा से न्यू सुजातपुर तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridor) में न्यू भाऊपुर से न्यू रूमा तक के सेक्शन में निर्माण हो रहा है. लगभग 44 किमी के इस सेक्शन का भी 80 फीसदी काम हो चुका है. पहले इसे मार्च-2023 तक ही पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन नदी पर बन रहे पुल का निर्माण पूरा नहीं हो सका है तो समय सीमा को बढ़ा दिया गया.

कम समय में तय कर सकेंगे सफर

दरअसल, पूरा सेक्शन ऑटोमैटिक होने से कानपुर-दिल्ली तक एक के पीछे एक ट्रेन दौड़ सकेंगी. कानपुर से दिल्ली तक पूरा ट्रैक 60 केजी में कन्वर्ट हो चुका है, अब दो कॉशन बचे हैं, जिन पर निर्माण हो रहा है. मेल एक्सप्रेस की अधिकतम 130 की गति, बाद में बढ़कर 160 किमी में तब्दील हो सकेगी. वहीं सुपरफास्ट ट्रेनों में भी समय सीमा कम हो जाएगी.

एनसीआर के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय का कहना है कि, कानपुर से दिल्ली के बीच मालगाड़ियों का रिजर्व ट्रैक तैयार हो जाने के बाद इसका फायदा मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को मिलेगा. विषम परिस्थितियों में डीएफसी एक बेहतर विकल्प भी होगा. इसका अलावा ट्रेनों को हादसों से भी बचाया जा सकता है.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर

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