Gorakhpur News: पूर्वोत्तर रेलवे (North Eastern Railway) अब ट्रेनों की बायो टॉयलेट में अत्याधुनिक तकनीकी युक्त प्रेशराइज फ्लशिंग सिस्टम (Pressurized Flushing System) लगाने जा रही है. इस सिस्टम के लागू होने के बाद 90 हजार लीटर पानी बचाया जा सकेगा. अब एक बार फ्लश दबाने पर कम पानी की खपत होगी. रेलवे जल संरक्षण और स्वच्छता को बेहतर करने के लिए लिंक हॉफमैन बुश (LHB) कोचों में यह सिस्टम लगाएगा.
गोरखपुर के यांत्रिक कारखाने में प्रथम चरण में 380 एलएचबी कोचों में यह सिस्टम लगाया जाना है. अभी तक 15 कोचों में यह सिस्टम लग चुका है. पूर्वोत्तर रेलवे की 3000 कोचों में इस सिस्टम को लगाने की योजना है. इस सिस्टम में फ्लश बटन दबाते ही मात्र 30 सेकंड में बायो टॉयलेट पूरी तरह से साफ हो जाता है. एक बार फ्लश दबाने पर मात्र 1.5 लीटर पानी खर्च होता है. जबकि सामान्य बायो टॉयलेट में 3 लीटर पानी खर्च होता है. सामान्य फ्लश को दबाने पर लगभग 1 मिनट तक पानी गिरता रहता है.
प्रेशराइज फ्लशिंग सिस्टम के इलेक्ट्रो न्यूमेटिक फ्लश वाल्व के चलते फ्लश दबाने पर हवा के दबाव के साथ पानी निकलता है. हवा और पानी के मिश्रण प्रेशर से मात्र 30 सेकेंड में ही बायो टॉयलेट की सफाई हो जाती है. एक ट्रेन में लगने वाले 20 कोचों में एक फ्लशिंग चक्र में 60 की जगह 30 लीटर पानी ही खर्च होगा. 380 कोचों में एक बार फ्लश दबाने पर 1140 लीटर पानी भर जाएगा .वहीं 3000 कोचों में एक बार फ्लश दबाने पर 90000 लीटर पानी की बचत होगी. इस सिस्टम के कोचों में लग जाने से लाखों लीटर पानी की बचत रोजाना होगी.
गोरखपुर यांत्रिक कारखाने में इसको लेकर काम तेजी से शुरू हो गया है. वहां जो भी एलएचबी कोच मरम्मत के लिए जा रहे हैं. इन सभी कोचों में प्रेशराइजिंग सिस्टम लगने शुरू हो गए हैं. इस सिस्टम के लग जाने के साथ पानी की बचत के साथ-साथ लोगों को साफ सुथरा टॉयलेट भी मिलेगा. वहीं पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि, एलएचबी कोच में बायो टॉयलेट में प्रेशराइज फ्लशिंग सिस्टम लगने शुरू हो गए हैं, जो एयर प्रेशर का उपयोग कर प्रेशराइज फ्लशिंग सुनिश्चित करता है, जिससे पानी का खर्च 50% तक कम हो जाता है. साथ ही टॉयलेट साफ सुथरा रहता है.
Also Read: Indian Railways: यात्रीगण कृपया ध्यान दें, आज से नहीं चलेगी मार्च तक ये ट्रेनें, देखें List
रिपोर्टर- कुमार प्रदीप, गोरखपुर