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UP News: 5 वर्ष में सांसदों ने किया 62 करोड़ का मुफ्त सफर, रेलवे ने बुजुर्गों की रियायत पर गिनाए थे घाटे

UP News: रेलवे ने बुजुर्गों की रियायत को यह कहकर खत्म कर दिया कि उससे लगातार घाटे का सामना करना पड़ रहा है, जबकि यही इंडियन रेलवे 5 वर्ष में सांसद और पूर्व सांसदों को 62 करोड़ का मुफ्त रेल सफर करा चुकी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2022 12:32 PM

Bareilly News: इंडियन रेलवे ने बुजुर्गों को रेल टिकट में दी जाने वाली छूट को खत्म कर दिया है. जिसका विपक्षी पार्टी के नेताओं से लेकर सामाजिक संगठनों ने जमकर विरोध किया था. वहीं, इंडियन रेलवे 05 वर्ष में सांसद और पूर्व सांसदों को 62 करोड़ का मुफ्त रेल सफर करा चुकी है. इसके साथ ही सांसदों को वेतन-पेंशन से लेकर तमाम अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं.

आरटीआई में करोड़ों की मुफ्त यात्रा का खुलासा

एक आरटीआई के मुताबिक, पांच वर्ष में सांसद और पूर्व सांसदों की रेल यात्रा पर सरकार ने 62 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. आरटीआई में मांगी गई जानकारी के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने बताया है कि वर्ष 2017-18 और 2021-22 में सासदों के रेल यात्रा के किराए के रूप में सरकार को इंडियन रेलवे का 35.21 करोड़ रुपये का बिल मिला है, जबकि इस दौरान पूर्व सांसदों की मुफ्त रेल यात्रा के बदले इंडियन रेलवे ने सरकार को 26.82 करोड़ रुपए का बिल दिया है. हालांकि, कोरोना के चलते सांसद और पूर्व सांसदों ने काफी कम सफर किया है. इसलिए वर्ष 2020-21 में सांसदों के सफर पर सिर्फ 1.29 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.

सांसद और पूर्व सांसद को मुफ्त यात्रा की सुविधा

रेलवे के पीआरओ ने बताया कि लोकसभा के वर्तमान और पूर्व सदस्यों को ट्रेनों में फ्री यात्रा की सुविधा मिलती है. रेलवे की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, सांसद और उनकी पत्नी को ट्रेन के प्रथम श्रेणी या एग्जीक्यूटिव क्लास में फ्री सफर की सुविधा मिलती है. रेलवे की हर ट्रेन में मुफ्त सफर की सुविधा मिल सकती है. इसके साथ ही सांसद के साथ किसी एक व्यक्ति को सेकेंड एसी की सुविधा दी जाती है. सांसद की पत्नी या पति को फर्स्ट एसी या एग्जीक्यूटिव क्लास अपने होम टाउन से दिल्ली तक फ्री सफर की सुविधा मिलती है. वो जितनी बार भी चाहे रेलवे के फर्स्ट एसी में मुफ्त में सफर कर सकते हैं. वहीं पूर्व सांसद अपने किसी साथी के साथ सेकेंड एसी में या अकेले एसी-1 टियर में फ्री यात्रा करने की पात्रता रखते हैं.

बुजुर्गों को रेल सफर में मिलती थी यह छूट

इंडियन रेलवे 55 वर्ष की बुजुर्ग महिलाओं को टिकट किराए में 50 फीसदी और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को टिकट किराए में 40 फीसदी की छूट देती थी. मगर, इसको बंद कर दिया गया है. हालांकि, बुजुर्ग और विपक्षी दल के नेता दोबारा लागू करने की मांग कर रहे थे. मगर, इसको लागू करने से इंकार कर दिया गया.

सीनियर सिटीजन के किराए में छूट से 64 हजार करोड़ का नुकसान

इंडियन रेलवे सीनियर सीटिजंस को किसी भी तरह की रियायत नहीं देने के मूड में है. रेलवे ने पिछले दिनों बताया था कि रेल किराए में छूट के कारण रेलवे को वर्ष 2019-20 में 64523 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. हालांकि, रेलवे का दावा है कि लागत से कम पर लोगों को ट्रेन का सफर करा रही है. रेलवे ने अपने खर्चों का लेखा जोखा भी पेश किया था. सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी के कारण उसे वर्ष 2019-20 में 45 हजार करोड़ का नुकासन हुआ है.

सांसद  और पूर्व सांसदों को मिलती हैं ये भी सुविधाएं

सांसदों को वेतन के रूप में 50 हजार रूपये प्रतिमाह, सदन की कार्यवाही के दौरान 2 हजार प्रतिदिन, निर्वाचन क्षेत्र के भत्ते के रूप में 45 हजार रुपये प्रतिमाह, कार्यालय के रखरखाव को 45 हजार रूपये, लेखन सामग्री और डाक के लिए 15 हजार प्रति माह और सांसद को सचिव सहायता के लिए 30 हजार रुपए प्रतिमाह की राशि मिलती है. सचिव खुद रखना होता है.

इसके अलावा मुफ्त हवाई यात्रा को कूपन मिलते हैं, लेकिन एयरपोर्ट तक जाने के लिए 325 रुपये का किराया दिया जाता है. इसके साथ पूर्व सांसदों को 2010 के संशोधन अनुसार सेवानिवृत्त होने पर 20 हजार रुपए प्रति माह पेंशन, उनके कार्यकाल के 01 साल के आधार पर 15 सौ रुपए अधिक मिलते हैं. पेंशन हर सदस्य को मिलती है, चाहे उसने पूरा कार्यकाल किया हो या न किया हो. पूर्व सांसद के निधन के बाद पति और पत्नी को पेंशन का आधा हिस्सा मिलता है.

सांसदों की सेहत संबंधी सुविधाओं को सेवानिवृत्ति के बाद भी कायम रखा जाता है. हेल्थ स्कीम का फायदा मिलता है. वर्तमान सांसदों को आवास मिलता है. मगर, सेवानिवृत्त होने के बाद अलाटमेंट कैंसिल कर दिया जाता है, लेकिन सांसद आवास को रखना चाहे तो कुछ कागजी कार्रवाई के बाद आवास मार्केट के किराए पर मिल जाता है. सांसदों को सरकार की ओर से मुफ्त एमटीएनएल कनेक्शन मिलता है. मगर, पूर्व सांसद का खत्म कर दिया जाता है. कुछ कार्रवाई के बाद इसको सांसद रख सकते हैं.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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