Gorakhpur News: दोहरीघाट–इंदारा रेल मार्ग पर जल्द दौड़ेंगी ट्रेनें, मऊ और दक्षिणांचल के लोगों की राह होगी आसान
पूर्वोत्तर रेलवे मार्च के बाद दोहरीघाट–इंदारा रेलमार्ग पर ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रहा है. लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र जैसे गोला, बड़हलगंज से गोरखपुर नहीं आना पड़ेगा. ये लोग अब कम समय में ही बनारस और प्रयागराज की यात्रा कर पाएंगे.
Gorakhpur News: मऊ जनपद के साथ-साथ गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र (बड़हलगंज, हाटा ,गोला) के लोगों की राह काफी आसान होने वाली है, क्योंकि पूर्वोत्तर रेलवे मार्च के बाद दोहरीघाट–इंदारा रेलमार्ग पर ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रहा है. लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र जैसे गोला, बड़हलगंज से गोरखपुर नहीं आना पड़ेगा. ये लोग अब कम समय में ही बनारस और प्रयागराज की यात्रा कर पाएंगे.
निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश
दरअसल, दोहरीघाट–इंदारा रेल मार्ग पर कार्य को और तेजी से करने के लिए महाप्रबंधक ने इंदारा पहुंचकर यार्ड प्लान का जायजा लिया और रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए. पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमण ने दोहरीघाट-इंदारा रेल मार्ग का निरीक्षण करने के बाद 31 मार्च तक चल रहे आमान परिवर्तन कार्य को और विद्युतीकरण को पूरा करने के निर्देश दिए.
समस्याओं के निराकरण का दिया भरोसा
महाप्रबंधक, मोटर ट्रॉली से घोसी स्टेशन पहुंचे. घोसी अमिला रेलखंड पर पुरानी समपार संख्या 19 पर बने लो हाइट सर्वे का उन्होंने निरीक्षण किया. उसके बाद दोहरीघाट स्टेशन पर चल रहे कार्य की संबंधित अधिकारियों से प्रगति की जानकारी भी ली. साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी बात की और समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिया.
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213 करोड़ रुपए की लागत से चल रहा निर्माण कार्य
दोहरीघाट और इंदारा पर तैयार हो रही रेल लाइनों का काम काफी तेजी से चल रहा है. रेल लाइन 110 किलोमीटर प्रति घंटा चलने वाली ट्रेनों की क्षमता के लायक तैयार हो रही है. लाइन के शुरू हो जाने से इस रूट पर रहने वाले हजारों लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा. इसके साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार मिलने के साथ-साथ विकास की गति भी तेज हो जाएगी. यात्री ट्रेनों के अलावा इस लाइन पर मालगाड़ी का भी संचालन होगा. रेल मंत्रालय ने 2016-17 में इस रेल लाइन की स्वीकृति प्रदान की थी. 213 करोड़ रुपए की लागत से यह कार्य चल रहा है.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर