Lucknow: दो साल से फरार चल रहे एक लाख रुपये के ईनामी IPS मणिलाल पाटीदार (IPS Manilal Patidar) ने शनिवार सुबह लखनऊ के एंटी करप्शन कोर्ट (Anti Corruption Court Lucknow) में सरेंडर कर दिया. शनिवार को उनके सरेंडर की जानकारी यूपी पुलिस को नहीं मिल पायी. पाटीदार ने अपनी सरेंडर एप्लीकेशन में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर उसे झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया है. एडीजे लोकेश वरुण ने मणिलाल पाटीदार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इंद्रकांत त्रिपाठी ने एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार पर पांच लाख रूपये की वसूली के लिए परेशान करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद पाटीदार समेत कई पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गये थे. वहीं आईजी विजय सिंह मीणा की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय एसआईटी ने की जांच में पाटीदार पर लगे आरोप सही पाए गये थे. इसके बाद शासन ने पाटीदार के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश भी दिए थे.
विजिलेंस ने भी अपनी रिपोर्ट में मणिलाल पाटीदार सहित चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ लगे आरोप सही पाये थे और सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. 30 मई 2022 को विजिलेंस के कानपुर सेक्टर में महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार, थानाध्यक्ष खरेला राजू सिंह, प्रभारी निरीक्षक चरखारी राकेश कुमार सरोज और एसआई भूपेंद्र प्रताप के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.
महोबा जिले के जवाहर नगर निवासी इंद्रकांत ने महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर घूस मांगने का आरोप लगाते हुये वीडियो बनाया था. इसमें कबरई की पुलिस पर भी कई तरह के गंभीर आरोप लगाये थे. उन्होंने एक शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ और डीजीपी यूपी से की थी. लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद इंद्रकांत संदिग्ध अवस्था में घायल मिले थे.
उन्हें गोली लगी थी. उन्हें इलाज के लिये कानपुर ले जाया गया था. लेकिन 13 सितंबर 2020 को इंद्रकांत की मौत हो गयी थी. इसके बाद मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड करते हुये डीजीपी मुख्यालय से अटैच किया गया था. लेकिन वह फरार हो गये थे. अब उन्होंने दो साल बाद 15 अक्टूबर को र्ग्ट में सरेंडर किया है.