IRCTC/Indian Railways News: क्या 4 मई से शुरू होगा ट्रेनों का संचालन? जानें रेलवे की आगे की रणनीति
कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए देश में 15 अप्रैल से 3 मई तक के लॉकडाउन है. इस दौरान ट्रेनों और हवाई यात्रा पूरी तरह ठप है. आम आदमी के मन में सवाल यह पैदा हो रहा है कि 3 मई के पहले ट्रेनों का परिचालन होगा या नहीं.
कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए देश में 15 अप्रैल से 3 मई तक के लॉकडाउन है. इस दौरान ट्रेनों और हवाई यात्रा पूरी तरह ठप है. आम आदमी के मन में सवाल यह पैदा हो रहा है कि 3 मई के पहले ट्रेनों का परिचालन होगा या नहीं. ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि भारत में 40-दिवसीय लॉकडाउन के खत्म होने के बाद भी ट्रेन यात्रा पर प्रतिबंध 3 मई के बाद भी जारी रह सकता है, मतलब 4 मई से भी ट्रेन की यात्रा नहीं की जा सकती है.
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देश में कोरोने के बढते संक्रमण को लेकर 40-दिवसीय लॉकडाउन 3 मई को खत्म होने वाला है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि 4 मई से रेलवे, ट्रेनों की का परिचालन फिर से शुरू करेगा कि नहीं. हालांकि रेल मंत्रालय ने इस पर अभी तक कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी है और न ही अभी टिकटों की बुकिंग ही शुरू हुई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में उनके घर पर हुई बैठक में रेल यात्रा को फिर से शुरू करने पर बैठक हुई थी. रेल यात्रा कब से शुरू होगी, इस बारे में किसी विशेष तारीख पर कोई चर्चा नहीं हुई. फिलहाल यही कहना उचित होगा कि अभी लंबा समय लगेगा. यह निश्चित तौर पर 3 मई से आगे बढ़ेगा. वहीं लॉकडाउन के बाद जगह-जगह फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने की मांग तेजी से बढने लगी है. ऐसे में सरकार की यह कोशिस है कि लॉक डाउन में ही जगह-जगह फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाई जाए. इसका सबसे बड़ा माध्यम रेलवे है लिहाजा रेलवे भी अपने तरफ से तैयारी में है. अगर केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलती है तो कुछ स्पेशल ट्रेन ग्रीन जोन में चलाई जा सकती है. हालांकि अधिकारिक तौर पर रेलवे ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान रेलवे देश भर में पार्सल ट्रेनों का संचालन कर रहा है, जिससे अवश्यक चीजों की आपूर्ति हो सके. रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान देशभर में दवाओं, मास्क, अस्पताल से संबंधित चीजों समेत 1,150 टन चिकित्सा सामग्री की ढुलाई की है. भारतीय रेल ने यह जानकारी दी. रेलवे ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान सरकार का हाथ बंटाने के लिये उसकी समयबद्ध पार्सल सेवाओं के जरिये इन वस्तुओं की ढुलाई की गई. उत्तरी रेलवे ने सबसे अधिक 400 टन सामान की ढुलाई की. इसके बाद पश्चिम रेलवे (328.84 टन) और मध्य रेलवे (136 टन) का स्थान है. रेलवे एक ओर जहां जरूरी सामानों की ढुलाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, वहीं दूसरी ओर वह जरूरत के समय लोगों को चिकित्सा मदद भी उपलब्ध करा रहा है.