Ram Mandir News: नेपाल के जनकरपुर से चलकर शालिग्राम शिलाएं अयोध्या पहुंच गई हैं. इन शालिग्राम शिलाओं की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद राम मंदिर के लिए इन शिलाओं को भेंट किया गया. इन्ही शिलाओं से भगवान राम और माता सीता की मूर्तियां बनाई जाएगी. लेकिन इस बीच तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. आचार्य का कहना है कि शालिग्राम की नेपाल से लाई गई शिलाओं की इसी रूप में पूजा की जानी चाहिए. अगर मूर्ति बनाने के लिए इन शिलाओं पर छैनी और हथौड़ी चलाई गई तो बड़ा पाप हो जाएगा. आचार्य ने कहा मैं विरोध स्वरूप अन्न जल त्याग कर अनशन करूंगा.
तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा, भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या 500 वर्षों तक लंबे संघर्ष के बाद सर्वोच्च न्यायालय के जजमेंट के बाद राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू है. एक बड़ी मूर्ति के लिए नेपाल से दो शालिग्राम लाई गई है. जिसका वजन लगभग 127 क्विंटल है.
अयोध्या से मैं तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य एक धर्माचार्य के नाते मैंने जैसा सुना कि उनकी मूर्ति तरासी जाएगी और उन पर छैनी हथौड़ी चलेगी. मैं बहुत आहत हूं. मैं सभी से निवेदन करूंगा कि ऐसा अनर्थ ना करें, क्योंकि शालिग्राम एक ऐसी शिला है जो यह सामान्य शिला नहीं है. शालिग्राम स्वयं प्रतिष्ठित है. प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत नहीं पड़ती है.
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परमहंस आचार्य ने कहा कि भगवान शिलाग्राम में प्रतिष्ठित हैं उनके ऊपर हथौड़ी और छैनी चलेगी तो इससे बड़ा अनर्थ हो जाएगा. मैं बता रहा हूं, इसलिए मैं संबंधित श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सभी ट्रस्टी और सभी लोगों से मेरा करबद्ध निवेदन है, ऐसा अनर्थ ना करें. इनको इसी रूप से हम लोग पूजेंगे. पूरी दुनिया के लोग पूजेंगे और शालिग्राम स्वयं प्रतिष्ठित शिला है इसीलिए उनके ऊपर छैनी हथौड़ी न चलाई जाए. अगर छैनी भगवान के ऊपर चली तो मैं अन्न-जल परित्याग कर जीवन को अलविदा कहूंगा, क्योंकि इतना अन्याय मैं नहीं सह सकता हूं.