UP Violence News: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर यूं तो प्रदेश में काफी सूर्खियां बटोर रहा है. साथ ही, राजनीतिक दलों आदि के निशाने पर भी आ रहा है. रविवार को जिस तरह प्रयागराज दंगे के मास्टरमाइंड जावेद पम्प के 5 करोड़ के आलीशान बंगले को जमींदोज किया गया, उसके बाद से चारों ओर बुलडोजर की कार्यवाही पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. अब जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यूपी सरकार के बुलडोजर के खिलाफ देश के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.
Jamiat Ulema-e-Hind moves Supreme Court with an application seeking issuance of directions to State of UP that no precipitative action be taken in Kanpur Dist against the residential/commercial property of any accused in any criminal proceedings as extra-legal punitive measure. pic.twitter.com/fkzwQlZ6Rr
— ANI (@ANI) June 13, 2022
एएनआई के मुताबिक, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को निर्देश जारी करने के लिए एक आवेदन के साथ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. आवेदन में कहा गया है कि किसी भी आपराधिक कार्यवाही में किसी भी आरोपी की आवासीय या व्यावसायिक संपत्ति के खिलाफ अतिरिक्त कानूनी दंडात्मक उपाय के रूप में कानपुर जिले में कोई प्रारंभिक कार्रवाई न की जाए. जमीयत उलमा-ए-हिंद अपने आवेदन के माध्यम से यूपी सरकार को यह निर्देश दिलाने की कोशिश कर रहा है कि किसी भी तरह की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को कानून का सही तरह से पालन करने के बाद किया जाना चाहिए. साथ ही, हर प्रभावित व्यक्ति को उचित नोटिस और सुनवाई का अवसर देने के बाद ही उसकी सम्पत्ति को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जानी चाहिए.