UP Election 2022: JDU ने जारी की 15 स्टार प्रचारकों की लिस्ट, नीतीश और आरसीपी के न होने का जानें कारण
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नाम न होना कोई इत्तिफाक नहीं है. दरअसल, पार्टी ने उन्हें यूपी में भाजपा के साथ गठबंधन कराने का जिम्मा सौंपा था. मगर वे इसमें नाकामयाब हो गए.
Lucknow News: जनता दल यूनाइटेड (जदयू/JDU) ने यूपी चुनाव के लिए शुक्रवार को अपने 15 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है. मगर इस सूची में न तो पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार का नाम है और न ही केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का. इसके कई सियासी मायने हैं. राजनीतिक गलियारों में यूपी से लेकर बिहार तक इसकी चर्चा तेज हो गई है.
स्टार प्रचारकों की सूची इन्हें मिला स्थान
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राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद लोकसभा
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प्रधान महासचिव/ प्रवक्ता केसी त्यागी
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उपेंद्र कुशवाहा ,चेयरमैन पार्लियामेंट्री बोर्ड
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रामनाथ ठाकुर ,सांसद राज्यसभा, राष्ट्रीय महासचिव
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उमेश कुशवाहा ,प्रदेश अध्यक्ष ,बिहार जद यू
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मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ,राष्ट्रीय महासचिव , एम० एल०सी०
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हर्षवर्धन सिंह ,राष्ट्रीय महासचिव ,जद यू
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रविंद्र प्रताप सिंह ,राष्ट्रीय सचिव जद यू
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अनूप सिंह पटेल ,अध्यक्ष जद (यू) उत्तर प्रदेश
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आरपी चौधरी
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सुरेंद्र त्यागी
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संजय कुमार ,राष्ट्रीय अध्यक्ष ,युवा जद यू
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डॉ. भरत पटेल
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संजय धनगर
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डॉ. केके त्रिपाठी
गठबंधन कराने में हुए असफल
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नाम न होना कोई इत्तिफाक नहीं है. दरअसल, पार्टी ने उन्हें यूपी में भाजपा के साथ गठबंधन कराने का जिम्मा सौंपा था. मगर वे इसमें नाकामयाब हो गए. इसी कारण उन्हें इस महासमर में स्टार प्रचार नहीं बनाया गया है. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, आरसीपी सिंह को गठबंधन कराने में असफल होने पर स्पष्टीकरण कराने के लिए कहा था.
नीतीश कुमार के न होने के भी हैं मायने
यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर तो जदयू को कोई दिक्कत नहीं होती. मगर यूपी में भाजपा के खिलाफ बयानबाजी करने से बिहार की सियासत पर असर पड़ सकता था. राजनीतिक पंडित यही बताते हैं कि यही कारण है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस विधानसभा में स्टार प्रचारक बनने का जिम्मा नहीं लिया है.
जदयू चाहता था 51 सीट
बता दें कि पहले जदयू यूपी में भाजपा से 51 सीटें मांग रही थी. इधर आरसीपी सिंह ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से भी इसको लेकर बात की थी, लेकिन किसी प्रकार के नतीजे नहीं निकले. तब जाकर जदयू ने अकेले चुनाव में उतरने का ऐलान किया.