Lucknow: प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी सिंह को निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर की गई है.
जौहर अली शोध संस्थान (रामपुर) को दी गई कुछ विशेष सुविधाओं को लेकर भी आरपी सिंह पर आरोप लगाए जा रहे थे. जौहर अली शोध संस्थान को लीज पर दिए जाने के प्रकरण में ये कार्रवाई की गई है.
लीज के वक्त आरपी सिंह जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात थे. लीज प्रक्रिया के संबंध में एसआईटी से जांच कराई गई थी. फिलहाल शासन में जॉइंट डायरेक्टर को निलंबित करने के बाद आरोपों की जांच शुरू कर दी है.
इससे पहले प्रदेश सरकार ने जून में प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक एसएन पांडेय को भी निलंबित कर दिया था. उन पर मदरसा बोर्ड में रजिस्ट्रार पद पर रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता और विभागीय कार्यों कार्यों में लापरवाही के आरोप लगे थे. इस मामले की जांच भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव एवं निदेशक डॉ. रोशन जैकब को सौंपी गई थी.
एसएन पाण्डेय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में संयुक्त निदेशक के साथ ही उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद में रजिस्ट्रार भी थे. इस साल 17 मई को उन्हें रजिस्ट्रार के पद से हटा दिया गया था.
आरोप है कि मदरसों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्तियों में रोक लगी होने के बावजूद 22 जुलाई 2016 के बाद मदरसों में समूह घ के पदों पर भर्ती के लिए एसएन पाण्डेय ने वित्तीय अनुमोदन दे दिया. इन पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से ही भरा जाना था. मगर, ऐसा नहीं हुआ.
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इस बार भी जौहर यूनिवर्सिटी को अनियमित तरीके से मदद देने और भर्तियों में घालमेल करने के आरोप में संयुक्त निदेशक आरपी सिंह को निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर की गई है.