Kalyan Singh Last Rites: कल्याण सिंह पंचतत्व में विलीन, ‘BJP के बड़े रामभक्त’ को लोगों ने नम आंखों से दी विदाई
Kalyan Singh Last Rites: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) पंचतत्व में विलीन हो गए. 'BJP के सबसे बड़े रामभक्त' का अंतिम संस्कार बुलंदशहर जिले के नरौरा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ.
Kalyan Singh Last Rites: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) पंचतत्व में विलीन हो गए. ‘BJP के सबसे बड़े रामभक्त’ का अंतिम संस्कार बुलंदशहर जिले के नरौरा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ. उनके अंतिम संस्कार में सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. बता दें कि 21 अगस्त को कल्याण सिंह का निधन हो गया था. वो 89 साल के थे और पिछले करीब डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती थे.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को बुलंदशहर के नरौरा में श्रद्धांजलि अर्पित की. अमित शाह ने कल्याण सिंह के भावुक बेटे राजवीर सिंह को सांत्वना दी. अग्नि देने के बाद लगभग एक घंटे तक वैदिक मंत्रोच्चार का कार्यक्रम चला. 21 पंडितों ने वैदिक विधि-विधान से कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार संपन्न कराया.
रामभक्ति में तज दिया, अपने सिर का ताज।
राम शरण की ओर चले, परम रामभक्त आज।। https://t.co/p48DdqiYId— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 23, 2021
आपको बता दें कि इससे पहले रविवार की शाम पार्थिव शरीर एयर एंबुलेंस से अलीगढ़ धनीपुर हवाई पट्टी लाया गया था. यहां से पार्थिव शरीर को फूलों से सजे ट्रक में रखकर 13 किलोमीटर दूर अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम लाकर मैदान में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. उमड़ी भीड़ ने जय श्रीराम के नारे लगाये. ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बाबू जी का नाम रहेगा’ के नारे भी लगे.
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर अलीगढ़ के महारानी अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम के बाद अतरौली में उनके पैतृक गांव लाया गया. अतरौली में उनकी पार्थिव देह को आम लोगों के दर्शनार्थ एनेक्सी भवन में रखा गया. इससे पहले अलीगढ़ में सड़क के दोनों तरफ खड़े होकर अपने बेहद लोकप्रिय नेता का अंतिम दर्शन कर रहे थे. ‘बाबू जी’ को याद कर हर आंख नम थी.