लखनऊ . कानपुर में एनकाउंटर से पहले कुख्यात अपराधी विकास दुबे से हुई पूछताछ से संबंधित दस्तावेज एसटीएफ ने शासन और प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दी है. कहा जाता है कि एसटीएफ ने उज्जैन से कानपुर आने तक विकास से हुई पूरी पूछताछ का पूरा वीडियो भी बनाया है. उस की सीडी सौंप दी गयी है. जो दस्तावेज सौंपे गये हैं उसके अनुसार विकास दुबे से 50 से ज्यादा सवाल पूछे गये हैं. पूछताछ में विकास ने उससे संबंध रखने वाले कई लोगों के नाम बताये है. उन नामों में कारोबारी, नेता और कुछ बड़े अफसर भी शामिल हैं. इसको लेकर अब उसके करीबियों की परेशानी बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. माना जा रहा है कि देर सबेर उनपर भी कार्रवाई होगी. विकास ने शूटआउट में शामिल रहे अपने एक दर्जन लोगों के नाम भी बताये, जो पुलिस को नहीं मालूम थे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विकास दुबे ने दो जुलाई को वारदात वाली रात से लेकर उज्जैन में गिरफ्तार होने तक की पूरी कहानी पूछताछ के दौरान पुलिस को बतायी है. साथ ही मदद करने वालों के नाम भी बताये हैं. विकास ने जिन मददगारों के नाम पूछताछ के दौरान पुलिस को बताये हैं उनमें चार बड़े कारोबारियों के नाम शामिल हैं. उसके अलावा 11 विधायकों, कुछ मंत्रियों और पांच उच्च पदों पर बैठे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के नाम शामिल हैं. इन नामों का खुलासा होने पर यूपी में राजनीतिक भूचाल आने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि उसने पुलिस को यह भी बताया कि उसकी संपत्तियां कहां और किसके नाम पर हैं. अवैध रूप से जुटाई गयी रकम का निवेश और अन्य खर्चों के बारे में भी उसने पुलिस को बताया है.
सूत्रों की माने तो विकास ने पुलिस को बताया कि सरकार और शासन में उसकी कैसी पकड़ थी और उसके एक फोन पर किसी का ट्रांसफर व पोस्टिंग तक हो जाता था. विकास ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही उसने एक थानेदार और चार चौकी प्रभारियों का तबादला कराया था. 50 से अधिक पुलिस वालों की उसके घर नियमित आवाजाही थी. विकास ने दो आइपीएस अधिकारियों व तीन एएसपी से भी मित्रता होने की बात कही है.
दस्तावेज में इस बात का भी उल्लेख है कि विकास ने सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र के बारे में क्या बयान दिया है. विकास का कहना था कि मिश्र उसे बर्बाद करना चाहते थे. उसके करीबियों से कहते थे कि उसकी दूसरी टांग भी तोड़ूंगा. पुलिस के लोग जो विकास के करीबी थे वो घर आकर सारी बात उसे बताते थे. विकास ने पुलिस से कहा कि मेरे गांव व क्षेत्र में मेरी मर्जी के बिना पुलिस घुस नहीं सकती है, मिश्र उस जगह से मुझे घसीटकर ले जाने और एनकाउंटर करने की बात कहते थे. मिश्र की यही बात नागवार गुजरी और जब वो मुझे पकड़ने आये तो गुस्से में यह हो गया.