Kanpur: कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के पहले कॉरिडोर के अंतर्गत बड़ा चौराहा से फूलबाग-नयागंज स्टेशन स्ट्रेच में आज पहले टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ‘नाना‘ का ब्रेकथ्रू हुआ. 4 जुलाई को बड़ा चौराहा से टनल निर्माण कार्य को आरंभ करते हुए आज ‘नाना‘ टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) फूलबाग-नयागंज मेट्रो स्टेशन पर बने रिट्रीवल शाफ्ट तक पहुंच गई. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार व अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.
‘नाना’ टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के अगले हिस्से में लगा कटरहेड घूमते हुए अपने ब्लेड से धरती को काटकर सुरंग का निर्माण करते हुए आगे बढ़ता है. इसके कार्य को आसान बनाने के लिए मशीन के विभिन्न प्वाइंट्स से पानी और फोम का बहाव किया जाता है. आज जब यह कटरहेड रिट्रीवल शाफ्ट की दीवार काटते हुए फूलबाग-नयागंज मेट्रो स्टेशन पहुंचा तो तालियों की गड़गड़ाहट से इसका स्वागत किया गया.
इसके साथ ही ‘नाना’ टीबीएम ने बड़ा चौराहा से नयागंज के बीच डाउनलाइन पर 1,025 मीटर की दूरी पूरी की जो अपने आप में कानपुर और उत्तर प्रदेश मेट्रो दोनों के लिए ही एक बड़ी उपलब्धि है. शहर के सबसे सघन आबादी वाले क्षेत्रों में से एक के नीचे से गुजरते हुए, जहां कई पुरानी इमारतें भी थीं, इस मशीन ने चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरी सुरक्षा के साथ पूरा किया.
बताते चलें कि फूलबाग-नयागंज मेट्रो स्टेशन पर स्थित रिट्रीवल शाफ्ट तक पहुंचने के साथ ही ‘नाना’ टीबीएम ने अपने भूमिगत सुरंग निर्माण का पहला पड़ाव पूरा कर लिया है. रिट्रीवल शाफ्ट तक पहुंचने के दौरान अब तक मशीन ने 733 रिंग्स लगाए हैं. शाफ्ट से टीबीएम के निकाले जाने के बाद 6 और रिंग्स लगाए जाएंगे. इस तरह से बड़ा चौराहा से नयागंज के बीच डाउनलाइन पर भूमिगत टनलिंग का कार्य पूरा हो जाएगा. दूसरी तरफ अपलाइन में भी ‘तात्या‘ टनल बोरिंग मशीन सुरक्षित और सुचारू तरीके से आगे बढ़ते हुए लगभग 615 मीटर तक टनल का निर्माण कर चुकी है.
बता दें कि लगभग 4 किमी लंबे चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन में वर्तमान में बड़ा चौराहा से नयागंज के बीच टनल निर्माण का कार्य किया जा रहा है. नयागंज स्थित रिट्रीवल शाफ्ट में पहुंचने के बाद दोनों टीबीएम को बाहर निकाला जाएगा व इन्हें पुनः चुन्नीगंज स्थित लॉन्चिंग शॅाफ़्ट में नीचे उतारा जाएगा. चुन्नीगंज से ये टीबीएम टनल का निर्माण करते हुए नवीन मार्केट होकर वापस बड़ा चौराहा तक पहुंचेंगी.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी, कानपुर