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UP News: कानपुर हिंसा का फाइनेंसर 6 महीने बाद जेल से रिहा, बाबा बिरियानी के मालिक मुख्तार को मिली जमानत

Kanpur News: कानपुर में 3 जून को नई सड़क में हुई हिंसा में फंडिंग के आरोपित बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार बाबा को बेल पर जमानत मिल गई है. उसे जेल से रिहा कर दिया गया है. पुलिस के द्वारा पैरवी में की गई हीलाहवाली का उसे फायदा मिला है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2022 10:51 AM

Kanpur News: कानपुर में 3 जून को नई सड़क में हुई हिंसा में फंडिंग के आरोपित बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार बाबा को बेल पर जमानत मिल गई है. उसे जेल से रिहा कर दिया गया है. पुलिस के द्वारा पैरवी में की गई हीलाहवाली का उसे फायदा मिला है.हाईकोर्ट से उसे ज़मानत मिली हैं. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने गैंगस्टर एक्ट केस में बेल पर सुनवाई के बाद 8 दिसम्बर को ही उसे जमानत दे दी थी. दो जमानतदार लाने और लिखा-पढ़ी पूरा करने में एक सप्ताह लग गया. इसके बाद रिहाई परवाना जेल पहुंचा तो वह बाहर आ गया.

हिंसा में फंडिंग का था आरोपी

बता दें कि कानपुर में 3 जून 2022 को हुई नई सड़क हिंसा में मुख्तार बाबा को पुलिस ने फंडिंग का आरोपित माना था. हिंसा के 20 दिन बाद उसे 22 जून 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया था और उसे जेल भेज दिया गया था. मुख्तार बाबा के खिलाफ बेकनगंज थाने में गैंगस्टर एक्ट में एक और एफआईआर दर्ज कराई गई थी एफआईआर में गैंग लीडर बिल्डर हाजी वसी को दर्शाया गया था.

तीन मामलों में पहले मिल चुकी बेल

बताते चलें कि मुख्तार बाबा के वकील अफजल अहमद का कहना गया कि कानपुर हिंसा से जुड़ी तीन एफआईआर में पहले ही बाबा की बेल होकर रिहाई परवाना आ चुका था. लेकिन गैंगस्टर मामले में सुनवाई चल रही थी और उसमें भी बेल मिल गई. वहीं अफजल ने बताया कि हाईकोर्ट में मुख्तार बाबा की तरफ से एडवोकेट मनीष टंडन और सत्यधीर सिंह जादौन ने बहस की थी. तर्क रखा कि बेकनगंज थाने में मुख्तार बाबा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में की गई कार्रवाई गलत है.

गैंगचार्ट में एक ही आपराधिक मामला दर्शाया है, साथ ही वकीलों ने यह भी तर्क दिया है कि जिन मामलों को दर्शाया गया है, उनमें पहले ही मुख्तार बाबा को जमानत मिल चुकी है.यह भी जानकारी दी कि जिसे इस गैंग का लीडर बनाया गया है, उसकी भी जमानत हो चुकी है.

इन शर्तों पर मिली बेल

● सबूतों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं करेंगे.

● किसी आपराधिक घटना में लिप्त नहीं होंगे.

● ट्रायल कोर्ट की हर तिथि में खुद ही हाजिर होंगे.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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