Kanpur News: कानपुर उपद्रव में शामिल मुख्य आरोपी हयात जाफर हाशमी समेत चार आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. पुलिस को अभी आरोपियों की रिमांड नहीं मिली है. इस बीच हिंसा की जांच के लिए पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया है. साथ ही टीम को थाना बेकनगंज में दर्ज हुए तीनों मुकदमों से संबंधित जांच करने के आदेश दिए गए हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एसआईटी की गठित चार टीमों में से एक टीम घटना के दौरान पथराव और बमबाजी के साथ सरकारी संपत्ति के नुकसान के मामले की गहनता से जांच करेंगी, जबकि दूसरी टीम मुकदमों की विवेचना और सीसीटीवी फोटेज की जांच कर दंगाइयों को चिन्हित करेगी. इसके अलावा तीसरी टीम उन पेट्रोल पंप की पहचान करेगी, जहां से दंगाइयों को बोलत में पेट्रोल दी गई. वहीं चौथी टीम ऐसे लोगों की पहचान करेगी, जिन्होंने उपद्रव से पहले और बाद में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किए.
कानपुर उपद्रव में शामिल सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कानपुर सीपी विजय सिंह मीणा ने बताया कि, चार आरोपी, हयात जाफर हाशमी, जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद सुफियान मौलाना अली जौहर फैन्स एसोसिएशन से जुड़े हैं. हम आगे अदालत से उन्हें 14 दिन के रिमांड पर भेजने के लिए अपील करेंगे. कानपुर में हुए बवाल के लिए पुलिस ने अब तक कुल 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
पूरे मामले में तीन मुकदमे दर्ज कराए गए, जिसमें एक इंस्पेक्टर और दूसरा चौकी इंचार्ज की ओर से दर्ज कराया गया है. वही तीसरा मुकदमा घायल राहगीर ने दर्ज कराया है. दो मुकदमों में नामजद आरोपितों के साथ 350 अज्ञात के नाम शामिल हैं, जबकि एक मुकदमे में 1000 अज्ञात के नाम शामिल है.
दरअसल, भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी. प्रवक्ता के बयान के खिलाफ कानपुर में जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद कराने का आह्वाहन किया था, लेकिन कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने अपनी दुकानों को बंद नहीं किया था, जिस पर विशेष वर्ग ने विरोध किया तो झड़प हो गई. बवालियों ने ईंट, पत्थर और बमबाजी की जिसमें 35 लोग घायल हो गए.