Kanpur News: कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई दो समुदायों के बीच में हिंसा में चौकाने वाला खुलासा हुआ है. हिंसा में उपद्रवियों के पत्थरबाजी से बमबाजी तक करने के रेट फिक्स थे. दरअसल, एसआईटी की केस डायरी में इस बात का खुलासा हुआ है. एसआईटी ने केस डायरी में बताया है कि कानपुर हिंसा को लेकर पूरी तरह से प्लान किया गया था. फाइनेंस से लेकर हर व्यक्ति को जिम्मेदारी दी गई थी. इतना ही नहीं उपद्रवियों को कैसे काम करना है और उन्हें कैसे रकम देनी है और किस काम का कितना पैसा देना है यह सब पहले से तय था.
हाल ही में कोर्ट में एसआईटी के केस डायरी पर सुनवाई हुई .कोर्ट की सुनवाई में यह खुलासा हुआ है. हिंसा करने के प्लानिंग ऐसी थी कि अगर कोई उपद्रवी पकड़ जाता है तो उसे मदद करने का आश्वासन भी दिया गया था. उपद्रवियों की कानून मदद भी निःशुल्क और परिवार की आर्थिक मदद भी की जाएगी. यह सब बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा और बिल्डर हाजी वसी के गुर्गों द्वारा उपद्रवियों को आश्वासन दिया गया था.
हिंसा के लिए10 लाख दिए थे एडवांस
बिल्डर हाजी वसी के मैनेजर अफजल ने हिंसा करने के लिए पूरी टीम को 10 लाख रुपये एडवांस के रूप में दिए थे. यही नहीं उपद्रवियों में बम चलाने वाले और पत्थरबाजी करने वालों के रेट भी फिक्स किये थे. इसका भी खुलासा हुआ कि हयात जफर हाशमी और निजाम कुरैशी को प्लान के तहत बंदी सफल कराने का निर्देष दिया गया तो वही मुख्तार बाबा और उसका बेटा महमूद, हाजी वसी और मैनेजर अफजल बैठकर मैनेजमेंट सम्हाल रहे थे हिंसा कराने के लिए पूरी तैयारी कर थे.
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एसआईटी की रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि हिंसा में पत्थरबाजी करने का 1 हजार रुपये.
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ठेले पर पत्थर लाने, गोली और बमबाजी करने का 5 हजार
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भीड़ बढ़ाने के लिए नाबालिगों का 500 रुपये तय किए गए थे.