Kanpur News: कानपुर में शुक्रवार को एक अजीब मामला सामने आया है. यहां पर एक परिवार डेढ़ साल से इनकम टैक्स के अधिकारी का शव घर में रखे था. परिजनों को यकीन ही नहीं था कि वह मर चुका है. सभी उसे कोमा में गया हुआ समझ रहे थे. पूरा मामला रावतपुर थानाक्षेत्र के छपेड़ा पुलिया स्थित शिवपुरी का है.
सूचना पर पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शव कब्जे में लेकर मेडिकल कॉलेज भेजा. स्वास्थ्य विभाग की टीम को शक है कि केमिकल का प्रयोग कर लाश को इतने दिन तक घर में रखा गया है. मृतक अहमदाबाद में इनकम टैक्स में डबल एओ के पद पर तैनात था. परिजनों का मानना है कि अभी भी मृतक जीवित है जबकि उसे कोरोना काल में 18 अप्रैल 2021 में ही मृत घोषित किया जा चुका है. जांच करने पहुंची सीएमओ और डॉक्टरों की टीम हैरत में है. परिजनों के कहने पर बॉडी जांच के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (हैलट) भेजी गई. इस दौरान परिजन भी साथ में मौजूद रहे.
https://twitter.com/AYUSHTI10077811/status/1573256885574467585
रावतपुर थानाक्षेत्र में इनकम टैक्स चौराहा शिवपुरी में रहने वाले आयकर विभाग के कर्मचारी विमलेश दीक्षित की मौत कोरोना काल में 22 अप्रैल 2021 को हुई थी. उस समय डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित करके डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया था. इसके बाद भी उनकी मौत को लेकर घरवालों को भरोसा नहीं हो रहा था और वह शव लेकर दूसरे अस्पताल गए थे. वहां भी डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. इस पर परिवार वाले उनका शव लेकर घर आ गए थे. पड़ोसियों के मुताबिक, जब शव को अर्थी पर रखा गया तो परिजन कह रहे थे कि उनकी सांसे चल रही तो उनको फिर से घर के अंदर ले गए. घर पर पत्नी को भी उनके जिंदा होने का विश्वास दिलाया गया था और परिवार वाले उनके शव पर रोजाना गंगाजल डालकर जिंदा होने का दावा करते रहे थे.
शुक्रवार को डेढ़ साल से शव घर पर रखा होने की जानकारी लोगों को हुई तो सबके पांव तले से जमीन खिसक गई. सूचना पर पुलिस घर आई तो हंगामा खड़ा हो गया. घरवाले पुलिस से पत्नी की हालत ठीक नहीं होने की दुहाई देकर शव न ले जाने की बात कहते रहे. मृत शरीर की हालत बेहद खराब हो चुकी है और मांस हड्डियों में ही सूख गया है. वहीं, पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मृतक की पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए उनसे पति के बीमार होने की जानकारी देकर स्वास्थ्यकर्मियों को बुलाकर शव को हैलट अस्पताल भिजवाया गया.