Karwa Chauth: हर साल से कुछ अलग हट कर है इस बार अलीगढ़ जेल में करवाचौथ, महिला बंदियों में दिखा उत्साह
करवाचौथ पर पहले पाबंदियां कुछ सख्त थीं. सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए महिला बंदियों को खास निर्देश दिए जाते थे. उन्हें शाम 6 से 7 बजे के बीच में ही करवाचौथ की पूजा करनी होती थी. इस समय चंद्रमा नहीं निकलता था. जिसके चलते महिला बंदियों को बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए ही व्रत पूरा करना होता था.
Karwa Chauth In Aligarh Jail: हिंदुओं का पारंपरिक त्योहार करवाचौथ हर वर्ष महिला कारागार में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, मगर इस बार कुछ अलग हट के करवाचौथ का पर्व मनाया रहा है. पहले जहां जेल मैनुअल के कुछ पाबंदियों में रहकर महिला बंदी को अपना करवाचौथ का व्रत पूरा करना होता था, पर इस बार शासन के निर्देश पर महिला बंदियों के लिए करवाचौथ को लेकर जेल में खास इंतजाम किए गए. इससे महिला बंदियों में सुबह से ही खासा उत्साह दिखाई पड़ा.
पहले थी कुछ पाबंदियां…
करवाचौथ पर पहले पाबंदियां कुछ सख्त थीं. सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए महिला बंदियों को खास निर्देश दिए जाते थे. उन्हें शाम 6 से 7 बजे के बीच में ही करवाचौथ की पूजा करनी होती थी. इस समय चंद्रमा नहीं निकलता था. जिसके चलते महिला बंदियों को बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए ही व्रत पूरा करना होता था. इससे बहुत सारी महिला बंदी मायूस रहती थीं, क्योंकि वह पारंपरिक तरीके से व्रत पूरा नहीं कर पाती थीं.
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इस बार कुछ अलग हटकर है व्यवस्था
अलीगढ़ के जेल अधीक्षक बृजेंद्र सिंह यादव ने प्रभात खबर को बताया कि इस बार करवाचौथ व्रत को लेकर शासन की ओर से खास निर्देश आया था, इसलिए उसी प्रकार से पर्व मनाने की छूट दी गई है, जो महिला बंदी करवाचौथ का व्रत रखे हैं, उन्हें बैरक से बाहर निकाला जाएगा, फिर चंद्रोदय होने के बाद वह चंद्रमा को अघ्र्य देंगी. इसके बाद उनके व्रत खोलने की व्यवस्था जिला कारागार की ओर से की गई है.
पनीर की सब्जी और रसगुल्ले की है व्यवस्था
अलीगढ़ के जेलर पीके सिंह ने बताया कि करवाचौथ का व्रत पूरा होने के बाद व्रती महिला बंदियों के लिए व्यंजन की व्यवस्था की गई है. इसमें पनीर की सब्जी, आलू टमाटर की सब्जी, पूड़ी कचौड़ी के साथ रसगुल्ला भी रखा गया है. जिससे वह आराम से भोजन कर सकें. इसके बाद उन्हें अपने बैरकों में भेज दिया जाएगा.
71 महिला बंदियों ने रखा है व्रत…
अलीगढ़ जेल में 71 महिला बंदियों ने करवाचौथ का व्रत रखा है. 43 ऐसी दंपती हैं, जहां पति-पत्नी दोनों कारागार में हैं. जिनके लिए कारागार प्रशासन ने शाम को एक बार मुलाकात की व्यवस्था की है. जेल में सुबह से ही मिलनी के दौरान परिवार वालों ने व्रत रह रही कई महिलाओं के लिए साड़ी, पूजन सामग्री आदि उपलब्ध कराई. जिन महिलाओं के पास पूजन सामग्री नहीं थी, उनके लिए कारागार प्रशासन ने पूजन सामग्री की व्यवस्था की. महिला बंदियों ने आपस में मेहंदी लगाई और दिनभर श्रृंगार आदि में जुटी रहीं.
रिपोर्ट : चमन शर्मा