Karwa Chauth Special Thali: गुरुवार 13 अक्टूबर को देशभर में सुहागिनें करवा चौथ का व्रत धारण किए हुए हैं. तकरीबन 24 घंटे तक निर्जला व्रत रखने के इस पर्व की शाम चांद का दीदार करने और पति का चेहरा देखने के बाद ही व्रत का पारण करने का प्रावधान है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रखे जाने वाले इस व्रत के प्रति लोगों में काफी मान्यता रहती है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि व्रत के पारण की थाली में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
इस संबंध में वाराणसी में रहने वाले ज्योतिषाचार्य रिषी द्विवेदी ने कहा कि करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रखती हैं. शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत का संकल्प लेती हैं. इसे 12 या 16 साल तक लगातार मानने का रिवाज है. इस दिन सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत की जाती है और रात को चांद देखने और अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है. पति के हाथों ही पानी पीकर और फिर कुछ मीठा खाकर इस व्रत का पारण होता है. करवा चौथ पर कुछ खास पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में वहां की परंपरा के अनुसार थाली तैयार की जाती है.
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करवा चौथ पर कचौड़ी या पुरी और आलू की सब्जी जरूर बनाई जाती है. इस स्पेशल कचौड़ी को बनाने के लिए आप आटा, सूजी और बेसन को एक साथ मिलाकर उसमें अजवाइन, नमक और घी मिलाएं. फिर पानी की सहायता से इसे गूंथ लें. अब आटे से छोटी-छोटी लोई बनाकर बेलें और कड़ाही गर्म करके ऊंचे आंच पर पर कचौड़ियां तलें.
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करवा चौथ के पारण में आलू की पारंपरिक सब्जी को बनाने के लिए सबसे पहले आलू उबाल लें. इस सब्जी में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता. आप टमाटर, अदरक और हरी मिर्च का पेस्ट बनाएं. अब कड़ाही गर्म करके उसमें तेल डालें और जीरा का छौंका लगाएं. इसके बाद अदरक, मिर्च और टमाटर वाला पेस्ट डालकर उसे भून लें. अब इसमें जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, गरम मसाला पाउडर और कसूरी मेथी डालें. अब नमक डालकर पकाएं. आखिर में हरा धनिया डाल कर सर्व करें.
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इसके साथ ही करवा चौथ के पारण की थाली में चावल और कढ़ी सहित पकौड़ी, चावल से बने फर्रे, दही बड़े, उड़द की दाल और खीर बनाकर खाने का प्रावधान है. कुछ जगहों पर वहां की स्थानीय डिश को भी स्थान दिया जाता है.
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