काशी तमिल संगमम्: उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक मिलन का हुआ शुभारम्भ, 19 नवंबर को आएंगे PM मोदी
आयोजन को लेकर काशीवासी जितने उत्साहित हैं, तमिलनाडु में भी 'वणक्कम काशी' के लिए उतना ही उत्साह है. तमिलनाडु से तमिलभाषी विभिन्न समाचार चैनलों, इंटरनेट मीडिया के रिपोर्टरों व यू-ट्यूबरों की फौज काशी में पहुंच चुकी है.
Lucknow News: काशी तमिल संगमम के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी 19 नवंबर को वाराणसी आएंगे. एक माह तक चलने वाला यह भव्य आयोजन सांस्कृतिक लिहाज से बेहद अहम है. इसमें काशी व तमिल की संस्कृति की एकरूपता देखने को मिलेगी. यह आयोजन गुरुवार से आरंभ हो गया.
मेहमानों का काशी की धरती पर डमरू बजाकर होगा स्वागत
चेन्नई में झंडी दिखाकर काशी आने वाले 200 छात्रों के दल को प्रस्थान कराया गया तो दूसरी ओर यहां काशी में समारोह का श्रीगणेश हो गया. मेहमानों के काशी की धरती पहुंचने पर स्वागत डमरू बजाकर और हर-हर महादेव के उद्घोष से किया जाएगा.
पीएम मोदी के आगमन के बाद भव्य होगा आयोजन
स्टालों पर आज से ही तमिलनाडु के समृद्ध इतिहास, संस्कृति, संगीत, परंपरा, साहित्य, धरोहरों, लोक-जीवन शैली आदि को प्रदर्शित करते स्टाल उत्सवी छटा बिखेरते नजर आ रहे हैं. सायंकाल मंच पर तमिल संगीत के कलाकार अपने गायन-वादन से अपनी स्वर लहरियां बिखरेंगे. लोक कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे. यह आयोजन 19 नवंबर को प्रधानमंत्री के आगमन के बाद और भव्य स्वरूप लेगा.
तमिलनाडु से कवरेज करने पहुंचे मीडियाकर्मी
आयोजन को लेकर काशीवासी जितने उत्साहित हैं, तमिलनाडु में भी ‘वणक्कम काशी’ के लिए उतना ही उत्साह है. तमिलनाडु से तमिलभाषी विभिन्न समाचार चैनलों, इंटरनेट मीडिया के रिपोर्टरों व यू-ट्यूबरों की फौज काशी में पहुंच चुकी है. ये लोग काशी में रहने वाले तमिलभाषियों का साक्षात्कार आदि लेकर सारी खबरें तमिलनाडु पहुंचाने में लगे हैं.
काशी-तमिल की संस्कृति से रूबरू कराएंगी शॉर्ट फिल्में
काशी तमिल संगमम के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के छात्रों से संवाद करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब दो घंटे तक काशी तमिल संगमम के आयोजन में मौजूद रहेंगे. इस दौरान पीएम के हाथों एक महत्वपूर्ण किताब का विमोचन भी होगा. इसके अलावा लघु फिल्मों के जरिये काशी व तमिल की संस्कृति की एकरूपता का भी प्रदर्शन किया जाएगा.
एक महीने तक चलने वाले तमिल संगमम के दौरान बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान में उत्तर और दक्षिण भारत का मिलन होगा. यहां आने वालों को न केवल दोनों जगहों की कला, संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा बल्कि यहां के शैक्षणिक, ग्रामीण परिवेश आदि के बारे में भी जान सकेंगे. एंफीथिएटर मैदान में बनने वाले स्टॉल पर इसकी झलक दिखाई देगी.
तमिल फिल्में भी देख सकेंगे दर्शक
आयोजन गंगा घाट, टीएफसी बड़ालालपुर सहित अन्य जगहों पर होंगे लेकिन बीएचयू परिसर में ही मुख्य आयोजन होने हैं. इसके लिए एंफीथिएटर मैदान सजने लगा है. प्रवेश द्वार के साथ ही एंफीथिएटर मैदान और मुख्य द्वार से लेकर अंदर जगह-जगह संगमम के लिए बनी आकर्षक होर्डिंग्स लगा दी गई है. दर्शकों को तमिल फिल्में भी दिखाई जाएंगी.
लजीज व्यंजनों का ले सकेंगे स्वाद
बीएचयू में बनाए गए भव्य और आकर्षक पंडाल में दिन में लोग प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे. शाम को रोज सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. गायन, वादन, नृत्य के साथ ही लोक कला पर आधारित प्रस्तुतियां होंगी. सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में बीएचयू के संगीत एवं मंच कला संकाय में भी छात्र तैयारियों में जुटे हैं. बाहर से भी कलाकारों की टीम आएगी. लोगों को लजीज व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका मिलेगा.
ढाई हजार लोग ब्रांड अंबेसडकर की भूमिका में
जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि 2,500 लोग ब्रांड अंबेसडकर की भूमिका में तमिलनाडु में काशी और यूपी के बारे में जाकर बताएंगे. एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत एक से बढ़कर एक कार्यक्रम देखने को मिलेंगे.