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किसान महापंचायत पर चढ़ा चुनाव का रंग, राकेश टिकैत बीजेपी पर बरसे, संजीव बाल्यान बोले- राजनीति में आपका स्वागत

किसान महापंचायत पर चुनाव का रंग चढ़ गया है. किसान नेता राकेश टिकैत अब राजनीतिक बयान देने लगे हैं, तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता राजनीति में उनका स्वागत कर रहे हैं. टिकैत को कांग्रेस का भी समर्थन है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2021 6:08 PM
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मुजफ्फरनगर: संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) की ओर से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में आयोजित किसान महापंचायत में साफ कर दिया गया कि किसान संगठनों के प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ प्रचार करेंगे. महापंचायत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) को भी खरी-खोटी सुनायी गयी. इसके बाद केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर के भाजपा सांसद संजीव बाल्यान (Sanjeev Balyan) ने कहा कि यदि वे (संयुक्त किसान मोर्चा) के नेता और सदस्य राजनीति में आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है.

वर्ष 2020 में लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए देश के तीन नये कृषि कानूनों (New Farm Law) के विरोध में किसान नेताओं का प्रदर्शन जारी है. रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. इस दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी निशाना बनाया गया. शहर के जीआईसी (GIC) मैदान में लगे जमावड़े में कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

किसान महापंचायत में उमड़ी भारी भीड़ से गदगद राकेश टिकैट (Rakesh Tikait) ने फिर से आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कहा है कि किसानों का यह आंदोलन भटक गया है. बीजेपी ने पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पंचायत में नारेबाजी को गलत करार देते हुए कहा कि आंदोलन अब भटक गया है.

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सरकार को झुकाने के लिए वोट की चोट जरूरी: टिकैत

किसान महापंचायत पर चुनावी रंग उस वक्त देखा गया, जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अपने आंदोलन को वृहत्तर रूप देने की कोशिश की. कहा कि सिर्फ खेती-किसानी नहीं, बल्कि सरकारी संस्थानों के निजीकरण, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करना होगा. राकेश टिकैत ने कहा कि अड़ियल सरकार को झुकाने के लिए वोट की चोट जरूरी है. टिकैत ने कहा, ‘देश बचेगा, तभी संविधान बचेगा’. कहा कि सरकार ने रेल, तेल और हवाई अड्डे बेच दिये हैं. किसने सरकार को ये हक दिया. ये बिजली बेचेंगे और प्राइवेट करेंगे. सड़क बेचेंगे और सड़क पर चलने पर हमलोगों से टैक्स भी वसूलेंगे.

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर भले हमारी कब्रगाह बन जाये, जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जायेंगी, तब तक हम वहां डटे रहेंगे. वहां से नहीं हटेंगे. कहा, ‘हम आपसे वादा लेकर जाते हैं कि अगर वहां पर हमारी कब्रगाह बनेगी, तो भी हम मोर्चा नहीं छोड़ेंगे. बगैर जीते वापस नहीं आयेंगे.’

Posted By: Mithilesh Jha

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