Sitapur Assembly Chunav 2022: सीतापुर में क्या बसपा और कांग्रेस तीसरे-चौथे नंबर के लिए संघर्ष कर रहे?
1951 में परिसीमन आदेश आने के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1952 में हुआ था. साल 2008 में संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश पारित होने के बाद, निर्वाचन क्षेत्र को पहचान संख्या 146 सौंपी गई थी.
Sitapur Assembly Chunav 2022: सीतापुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश विधान सभा भारत के 403 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह सीतापुर जिले का एक हिस्सा है और सीतापुर (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. 1951 में परिसीमन आदेश आने के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1952 में हुआ था. साल 2008 में संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश पारित होने के बाद, निर्वाचन क्षेत्र को पहचान संख्या 146 सौंपी गई थी.
राजनीतिक इतिहास
बता दें कि 2017 के चुनाव में भाजपा ने 1993 के बाद इस सीट पर कब्जा करने में सफलता पाई. भाजपा के उम्मीदवार राकेश राठौर ने सपा के राधेश्याम जायसवाल को 24839 वोट से पराजित किया. इस सीट 1996 से 2012 तक कुल 4 बार सपा का और 1980 से 1993 तक और 2017 में यानि कुल 6 बार भाजपा का परचम लहराया है. वहीं चार बार कांग्रेस और एक-एक बार जन संघ और जेएस का कब्जा रहा है. बसपा आज तक एक बार भी इस सीट पर नहीं जीत सकी है. सीतापुर विधानसभा क्षेत्र में अभी तक मुख्य लड़ाई सपा और भाजपा में है. बसपा और कांग्रेस तीसरे और चौथे नंबर के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
पहली बार 1952 में हुआ था चुनाव
इस सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस के हाकिम बशीर अहमद को जनता ने विधानसभा में भेजा. भाजपा ने 1980 में राजेंद्र कुमार गुप्ता को चुनाव लड़ाया. राजेंद्र गुप्ता ने 1980, 1985, 1989, 1991 और 1993 में विधायक बने. वहीं 1996 से 2012 यानि चार बार यहां से सपा के राधेश्याम जायसवाल विधायक का चुनाव जीतते रहे. हालांकि 2017 में भाजपा के राकेश राठौर ने जीत हासिल की.