UP Election: 2017 में मामूली अंतर से हार गए थे अखिलेश यादव, 2022 में सपा सुप्रीमो ने फिर जताया भरोसा
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने 24 अन्य प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. लिस्ट में अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है. चौकिए मत यह अखिलेश यादव सपा सुप्रीमो नहीं हैं, बल्की...
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा. इस बीच समाजवादी पार्टी ने सोमवार को 24 अन्य प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. लिस्ट में अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है. चौकिए मत यह अखिलेश यादव सपा सुप्रीमो नहीं, बल्की सपा के आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से उम्मीदवार हैं.
2012 और 2017 में सपा के टिकट पर लड़ चुके हैं चुनाव
समाजवादी पार्टी के आजमगढ़ जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार भी मुबारकपुर से मैदान में हैं. अखिलेश यादव ने सपा के टिकट पर 2012 और 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि, ये अलग बात है कि अखिलेश दोनों ही बार बहुजन समाज पार्टी के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के सामने टिक नहीं पाए और हार गए. ये तीसरा मौका है जब सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने जिलाध्यक्ष अखिलेश पर भरोसा जताया है.
2017 में विधायक बनते-बनते रह गए थे अखिलेश यादव
2012 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव को बसपा प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमली ने 5,863 वोटों के अंतर से हराया था, जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव महज 688 मतों के अंतर से विधायक बनते बनते रह गए. इस चुनाव में गुड्डू जमाली ने अखिलेश यादव को 688 वोट के अंतर से हरा दिया. हालांकि ये अलग बात है इस बार गुड्डू ने सपा से टिकट मिलने की आस में बसपा से इस्तीफा दे दिया, लेकिन सपा ने अपने पुराने उम्मीदवार पर ही भरोसा जताया है.
12वीं में ही समाजवादी आंदोलन से जुड़ गए थे
समाजवादी से अखिलेश यादव का रिश्ता आज कल का नहीं है, लल्लन टॉप को दिए एक इंटरव्यू में अखिलेश ने बताया कि जब वह 12वीं में थे उसी समय समाजवादी आंदोलन से जुड़ गए थे. हालांकि, सपा में 1994 में पूरी तरह से शामिल होकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा. पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा के कारण आज वह जिलाध्यक्ष ही नहीं बल्की विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी भी हैं. अखिलेश का दावा तो यहां तक है कि वह सपा सुप्रीमो के करीबी हैं. हालांकि तीसरी बार सपा प्रत्याशी चुने जाने पर हमें भी इस बात कोई शंका नहीं है. मुबारकपुर विधानसभा में मुस्लिम और दलित मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं.