Gorakhpur News: कुशीनगर की घटना के बाद गोरखपुर जिला प्रशासन ने भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. जिले में कुओं की स्थिति का पता लगाने के लिए जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है. राजस्व विभाग को इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है. कुओं की स्थिति का पता लगाने के बाद संरक्षित करने की भी योजना बनेगी.
कुशीनगर जिले के नौरंगिया गांव में हुए ह्रदय विदारक घटना, जिसमें 13 महिलाओं और बच्चियों की मौत हो गई थी, इस घटना के बाद गोरखपुर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है. जिले में कुओं की स्थिति पता लगाने का निर्देश दिया गया है, राजस्व विभाग की टीम इस स्थिति का जायजा लेगी और रिपोर्ट प्रशासन को देगी. विधानसभा चुनाव के दौरान इस कार्य में कुछ विलंब हो सकता है, लेकिन प्रशासन द्वारा सभी तहसीलों को पत्र जारी कर दिया गया है.
रिपोर्ट आने के बाद कुओं को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ इनके संरक्षण की भी योजना तैयार की जाएगी, जिससे कुशीनगर में ऐसी घटना फिर से घटित न हो. उपयोग से दूर होने के बाद गांव में कुओं की दशा बहुत अच्छी नहीं है और गांव में काफी तादात में कुए हैं, पहले इन कुओं का उपयोग ग्रामीण नहाने से लेकर पीने के पानी तक करते थे, लेकिन धीरे-धीरे इसका उपयोग लगभग समाप्त हो गया और गांव में कुओं की हालत बहुत अच्छी नहीं है अधिकतर कुएं जर्जर हालत में पड़े हुए हैं.
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इधर, कुशीनगर घटना के बाद से पूरे नौरंगिया गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. मामले में ग्रामीणों ने नौरंगिया सीएचसी के अधीक्षक, स्वास्थ्यकर्मियों और एंबुलेंसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एनएच 28 जाम कर दिया था. जांच के बाद एमओआईसी को हटा दिया गया है, जबकि कोटवा सीएचसी पर तैनात फार्मेसिस्ट को निलंबित कर दिया गया है. दो एंबुलेंस चालकों को बर्खास्त और दो को देर से पहुंचने के आरोप में हटा दिया गया है.