Lakhimpur Kheri Case की जांच पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़, केंद्र को नोटिस जारी, अगली सुनवाई 6 दिसंबर को

यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया है कि पिछली बार कुछ नए लोगों ने केस में दखल दिया और एसआईटी को अपने मामले में कार्रवाई न होने की बात कही. वहीं जब हमने उनको बयान के लिए बुलाया तो आरोपियों के पक्ष में सबूत देने लगे. इसलिए उन्हें रिकॉर्ड नहीं किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 8, 2021 12:11 PM

Lakhimpur Kheri Case : आज लखीमपुर खीरी हिंसा की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में तीन सदस्यीय जजों की बेंच ने जांच रिपोर्ट से नाराज़गी जताई है. उन्होंने दो रिटायर्ड जजों से इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने की नसीहत दी है. साथ ही, केंद्र सरकार को नोटिस जारी करतेे हुए मामले की अगली सुनवाई छह दिसंबर को करने का आदेश दिया है.

सोमवार को हुई इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर लखीमपुर खीरी के तिकुनिया चौराहे पर हुई हिंसा को लेकर हो रही जांच से असंतुष्टी जताई हैै. इस हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार के रवैये पर सवाल भी उठाये थे. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि केस दर्ज होने के बाद भी पुलिस आशीष मिश्रा क्यों नहीं गिरफ्तार किया. यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया है कि पिछली बार कुछ नए लोगों ने केस में दखल दिया और एसआईटी को अपने मामले में कार्रवाई न होने की बात कही. वहीं जब हमने उनको बयान के लिए बुलाया तो आरोपियों के पक्ष में सबूत देने लगे. इसलिए उन्हें रिकॉर्ड नहीं किया गया है.

क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा मामला : बता दें तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन के दौरान किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी. जिससे चार किसानों की मौत हो गई थी.इसके बाद इलाके में हिंसा भड़क गई और एक पत्रकार समेत चार लोगों की जान चली गई. किसान संगठनों का आरोप था कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया उस गाड़ी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा भी थे. इस मामले के बाद क्राइम ब्रांच ने आशीष मिश्रा के पूछताछ के लिए बुलाया तो वो नहीं आये. उसके एक दिन बाद वो पूछताछ के लिए हाजिर हुए. अभी वो पुलिस की गिरफ्त में हैं.

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