Lakhimpur Kheri Violence: राकेश टिकैत सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा की पहली बरसी पर तिकुनिया के कौड़ियाला घाट गुरुद्वारे में धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पहुंचे. भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला है. यह घोषणा करते हुए कि किसान सोमवार को देश भर में घटना की पहली वर्षगांठ के अवसर पर इकट्ठा हुए.
बीकेयू नेता ने न्याय में देरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में न्याय में देरी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के अगस्त में यहां तीन दिवसीय विरोध का जिक्र करते हुए, राकेश टिकैत ने कहा था, ’50 हजार से अधिक किसान एक साथ आए थे. उन्होंने अपनी मांगों को रखा था. उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री या संबंधित अधिकारी उनसे बात करेंगे लेकिन कहीं कुछ नहीं हुआ.’ उन्होंने आगे कहा, ‘वास्तव में, यहां तक कि अधिकारी भी असहाय हैं क्योंकि पूरी व्यवस्था दिल्ली से चलती है, जो लखनऊ को निर्देशित करती है.’
इस घटना के एक साल पूरे होने के बाद किसानों ने लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र के कौड़ियाला घाट गुरुद्वारे पर मृतक 4 किसानों की बरसी के लिए अखंड पाठ का आयोजन किया है. इसमें शामिल होने के लिए आए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 3 अक्टूबर को जिस तरीके से फिल्मों में दिखाई जाने वाली घटना को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र ने रियल लाइफ अंजाम दिया इसे पूरी दुनिया ने देखा. एक साल होने को आया है, अब तक पीड़ित परिजनों को न्याय नहीं मिला है. इससे पहले टिकैत ने रविवार को कहा था, ‘देश के किसान इस घटना को कभी नहीं भूलेंगे. वे 3 अक्टूबर को इसकी पहली वर्षगांठ मनाने के लिए देश भर में इकट्ठा होंगे.’
दरअसल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ किसान पिछले साल 3 अक्टूबर को तिकुनिया गांव में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जब उनमें से चार कारों के काफिले के पहियों के नीचे दब गए. इसके बाद भड़की हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार सहित चार अन्य मारे गए थे. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को ही मुख्य आरोपी बनाया गया है.