Leopard in IIT Campus: CCTV की मदद से तेंदुए की तलाश में जुटी DFO की टीम, आईआईटी कैम्पस में मचा हड़कंप
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर परिसर में बुधवार की सुबह पांच बजे तेंदुआ की चहल कदमी दिखाई देने की जानकारी के बाद दहशत फैल गई है. इसके बाद कुछ ही देर में सुरक्षाकर्मियों ने संस्थान में बाहर घूम रहे लोगों को अंदर कराया. वन विभाग की पांच टीम और आईआईटी के 9 सुरक्षाकर्मी तेंदुए की तलाश में जुट गए.
IIT Kanpur News: आईआईटी कानपुर परिसर में तेंदुए की दहशत से हड़कंप मचा हुआ है. बुधवार तड़के पांच बजे तेंदुआ देखे जाने की बात कही गई थी. इसके बाद से ही सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड पर आ गये थे. एक तरफ उसे पकड़ने के लिए पुख्ता इंतजाम किये गए हैं वहीं दूसरी ओर छात्रों और कर्मचारियों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
बाहर घूम रहे लोगों को अंदर कराया
जानकारी के मुताबिक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर परिसर में बुधवार की सुबह पांच बजे तेंदुआ की चहल कदमी दिखाई देने की जानकारी के बाद दहशत फैल गई है. इसके बाद कुछ ही देर में सुरक्षाकर्मियों ने संस्थान में बाहर घूम रहे लोगों को अंदर कराया. वन विभाग की पांच टीम और आईआईटी के नौ सुरक्षाकर्मी तेंदुए की तलाश में जुटे हुए हैं. ड्रोन से भी तेंदुए की तलाश शुरू की गई है. सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं ताकि सुराग लग सके. आईआईटी में निजी सुरक्षा एजेंसी एसआईएस के एक गार्ड ने बुधवार की सुबह करीब साढ़े तीन बजे परिसर में हवाई पट्टी के पास एक तेंदुआ देखे जाने की जानकारी कंट्रोल रूम पर दी. कंट्रोल रूम पर आया मैसेज अन्य सुरक्षाकर्मियों को प्रसारित करके अलर्ट कर दिया गया.
घने जंगल में छुपकर बैठा है तेंदुआ
डीएफओ कानपुर नगर श्रद्धा यादव ने आईआईटी में तेंदुआ देखे जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि एक ट्रैक कैमरा में गुरुवार और शुक्रवार की रात करीब 1:30 बजे तेंदुए को ट्रैप कैमरे में कैप्चर किया गया है. सूचना के आधार पर टीम ने कांबिंग शुरू करते हुए तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की कोशिश की जा रही है. तकनीकी मदद लेते हुए आधा दर्जन जगहों पर सीसीटीवी लगाया गया है. कैम्पस में दो पिंजड़े भी लगाए गए हैं. दरअलस, आईआईटी परिसर में घना जंगल है. ऐसे में तेंदुए को पकड़ने वाली टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, डीएफओ का दावा है कि बहुत जल्द तेंदुए को ट्रैक करके पकड़ लिया जाएगा.
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