Gorakhpur News: गोरखपुर में समितियों पर लटका ताला, किसान खाद के लिए परेशान

Gorakhpur News: गोरखपुर के सभी समितियों पर ताला लग गया है. वहीं अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. गोरखपुर जिले में 107 समितियां संचालित है किसान रवि की फसल के लिए जैसे गेहूं ,सरसों, आलू ,चना ,जौ आदि की फसलों के बोआई करने के लिए अपने खेत को जोतवा के तैयार करने के बाद खाद के लिए परेशान हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2022 3:11 PM

Gorakhpur News: ठंड की शुरुआत से ही किसान रवि की बुवाई में जुड़ जाते हैं ऐसे में अगर किसानों को समय से खाद ना मिले तो उन्हें बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ती है. गोरखपुर के सभी समितियों पर ताला लग गया है. वहीं अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. गोरखपुर जिले में 107 समितियां संचालित है किसान रवि की फसल के लिए जैसे गेहूं ,सरसों, आलू ,चना ,जौ आदि की फसलों के बोआई करने के लिए अपने खेत को जोतवा के तैयार करने के बाद खाद के लिए परेशान हो रहे हैं.

सरकारी समितियों पर डीएपी ना होने से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. प्राइवेट दुकानदारों की इस समय चांदी ही चांदी है खेत सूखने से पहले रवि की फसलों की बुवाई हो जाए ऐसे में किसान 1600 से1700 रुपये प्रति बोरी डीएपी खरीदने को मजबूर है.जबकि सरकारी समितियों पर यह डीएपी 1350 रुपए में मिलती है. ऐसे में किसानों को प्राइवेट दुकानों से ही खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है.

सहजनवा तहसील के सिसवा समिति पर 250 बोरी, पचौरी में 250 और खजूरी समिति पर 200 बोरी डीएपी का वितरण पुलिस की मौजूदगी में रविवार को हुआ. सूचना पर किसान सुबह से ही लाइन में लगे हुए थे. जो पहले लाइन में थे उन्हें खाद मिला है, लेकिन जो देर से लाइन में खड़े थे उन्हें खाद नहीं मिल पाया है. वहीं बांसगांव ब्लाक के साधन सहकारी समिति देवदार बाबू पर अब तक 700 बोरी डीएपी वितरित हो चुकी है .

साधन सहकारी समिति चतुर बनवारी एवं फुलहर खुर्द पर अब तक कोई खाद नहीं पहुंची है. क्रय-विक्रय सहकारी समिति बड़हलगंज और कौड़ीराम पर तैनात सचिवों के न रहने पर इन दिनों समितियों की डीएपी का वितरण नहीं हो पाया है. किसानों की शिकायत पर कोऑपरेटिव विभाग के अधिकारियों ने सचिव से बात कर 21 नवंबर को खाद वितरण करने का निर्देश दिया है. बलगन समिति पर 400 बोरी और कौड़ीराम समिति व 200 बोरी डीएपी का वितरण किया जाएगा.

रिपोर्ट- कुमार प्रदीप, गोरखपुर

Next Article

Exit mobile version