यूपी में बच्चों के लिए अभी नहीं खुलेंगे स्कूल, कोरोना के बढ़ते मामलों को देख लिया गया फैसला…
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 से 94 और लोगों के साथ प्रदेश में इस महामारी में जान गंवाने वालों की संख्या पांच हजार के पार हो गयी है. वहीं, इस अवधि में संक्रमण के 5,809 नये मामले सामने आये हैं. सूबे में कोरोना के बढ़ते मामले को देख सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के विद्यालयों को अभी नहीं खोलने का फैसला लिया है. जिसके कारण 21 सितंबर से स्कूलों के खोले जाने के फैसले पर रोक लगा दी गई है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 से 94 और लोगों के साथ प्रदेश में इस महामारी में जान गंवाने वालों की संख्या पांच हजार के पार हो गयी है. वहीं, इस अवधि में संक्रमण के 5,809 नये मामले सामने आये हैं. सूबे में कोरोना के बढ़ते मामले को देख सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के विद्यालयों को अभी नहीं खोलने का फैसला लिया है. जिसके कारण 21 सितंबर से स्कूलों के खोले जाने के फैसले पर रोक लगा दी गई है.
किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती सरकार
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से रविवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान 94 और कोविड-19 मरीजों की मौत के साथ राज्य में अब तक इस संक्रमण से मरने वालों की तादाद 5,047 हो गयी है. कानपुर नगर में सबसे ज्यादा 13 लोगों की मौत हुई है. सरकार इस समय कोरोना संक्रमण के कारण किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है. प्रदेश में अभी साप्ताहिक लॉकडाउन लागू है.
केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में क्या है?
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में 21 सितंबर से कंटेनमेंट जोन से बाहर के विद्यार्थियों को स्वेच्छा से शिक्षकों से मार्गदर्शन के लिए बुलाने की अनुमति दी गई है. यह केवल कक्षा 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए है. जिसके लिए विद्यार्थियों के माता-पिता की लिखित अनुमति लेनी होगी.
यूपी के स्कूलों में अभी पठन-पाठन शुरू नहीं होगा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने कहा कि स्कूलों में अभी पठन-पाठन शुरू नहीं होगा. विभाग वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाने के संबंध में निर्णय लेगा. प्रशासन को इस बात का भय है कि प्रदेश में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कहीं बच्चों के बीच संक्रमण ना फैल जाए. इसलिए अभी इसपर रोक लगा दी गई है.
Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya