Bareilly News: समाजवादी पार्टी (सपा) लोकसभा चुनाव 2024 का सियासी रण जीतने की कोशिश में काफी मेहनत कर रही है. रामचरितमानस से लेकर दलित पिछड़ों को शूद्र कहे जाने तक के मुद्दों पर मुखर है. लोकसभा चुनाव को लेकर मजबूत संगठन बनाया जा रहा है. संगठन में ओबीसी, एससी और अल्पसंख्यकों पर काफी फोकस है.
सपा यूपी के 75 में से 49 जिलों का संगठन लगभग तय कर चुकीं है. इसमें पूर्वी यूपी, एटा, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद आदि जिले हैं. मगर, बरेली,रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा समेत करीब 26 जिलों का संगठन फंसा हुआ है. इसमें से कुछ जिलों में काफी गुटबाजी है. रामपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के रुख का इंतजार है, तो वहीं कुछ में जातियों का संतुलन बनाने पर जोर दिया जा रहा है. इन जिलों के संगठन की घोषणा 20 फरवरी के बाद होने की उम्मीद है.
सपा ने विधानसभा चुनाव 2022 में जिलाध्यक्ष अगम मौर्या को बिथरी चैनपुर विधानसभा से टिकट दिया था. जिसके चलते उनके स्थान पर शिवचरण कश्यप को जिला अध्यक्ष बनाया गया था. मगर, विधानसभा चुनाव में उनके बनने से फायदे के बजाय काफी नुकसान हुआ.उनकी बिरादरी के भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने काफी मेहनत की.
कश्यप समाज का वोट भाजपा की तरफ चला गया. कुछ सपाइयों ने जिला अध्यक्ष पर खुद का बूथ भी सपा प्रत्याशी को न जिताने का आरोप लगाया था. उनके बनने के बाद से विधानसभा से लेकर एमएलसी चुनाव तक लंबे अंतर से पार्टी बरेली में सपा हार रही है. पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी का बेस वोट यादव और मुस्लिम भी काफी नाराज है.
लखनऊ सूत्रों के मुताबिक उनकी बिरादरी के लखनऊ में एक बड़े नेता उनकी मजबूत पैरवी कर रहे हैं. उनका कहना है कि यूपी में एक ही समाज का जिलाध्यक्ष है. उसको तो पार्टी से बनवाकर रहूंगा. इसके साथ ही साथ ही नगर निकाय चुनाव के प्रभारी भी जिला अध्यक्ष से खुश हैं. पार्टी के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता काफी खफा. उनके विधानसभा चुनाव में बिथरी प्रत्याशी को हराने के भी ऑडियो वायरल हुए थे.
बरेली में गुटबाजी भी काफी है. जिसके चलते संगठन बनाने में भी दिक्कत आ रही है. जिलाध्यक्ष के कुछ वीडियो भी पार्टी के कुछ लोग मोबाइल में लेकर घूम रहे हैं. यह वीडियो राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी दिखाने की तैयारी की जा रही है. हालांकि, पार्टी यादव मतदाताओं के भाजपा में जाने की लेकर फिक्रमंद है. पार्टी का जिलाध्यक्ष यादव न होने की वजह से पार्टी को बड़ा नुकसान हो रहा है. पार्टी का यादव वोट भाजपा की तरफ लगातार बढ़ रहा है.
सपा ने विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला, महानगर, महिला समेत सभी प्रकोष्ठ का संगठन एक जुलाई को भंग कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष का सम्मेलन में ऐलान हुआ. राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 30 जनवरी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित कर दी, लेकिन प्रदेश, जिला और अन्य संगठन 9 महीने बाद भी घोषित नहीं हुए हैं.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली