Varanasi News: पौराणिक परंपरा के अनुसार एक पखवाड़ा (15 दिन) से अस्वस्थ चल रहे भगवान जगन्नाथ समेत उनके ज्येष्ठ भ्राता बलभद्र व बहन सुभद्रा स्वस्थ हो गईं. चिकित्सकों के समूह ने प्रात: काल मंगला आरती के बाद प्रभु के विग्रह का स्वास्थ्य परीक्षण किया. परीक्षण के बाद प्रभु के स्वास्थ्य में लाभ देखकर भक्तों के दर्शन के लिए कपाट खोला गया. जैसे ही अस्सी स्थित भगवान जगन्नाथ का कपाट खुला दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. आरती के बाद प्रभु जगन्नाथ ने स्वकुटुम्ब के साथ श्वेत वस्त्र में भक्तों को दर्शन दिए. इसी के साथ रथयात्रा मेले की तैयारियां जोर-शोर से आरम्भ हो गईं.
सम्बंध में मंदिर के आचार्य डॉ. रजनीकांत द्विवेदी ने बताया कि 15 दिन तक भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा व भ्राता बलभद्र को दैनिक भोग आरती के साथ काढ़ा दिया जा रहा था. 29 जून को भगवान का स्वास्थ्य परीक्षण कर चिकित्सक उन्हें स्वस्थ घोषित कर दिया. 30 जून को उन्हें परवल का जूस अर्पित किया जाएगा. आषाढ़ शुक्लपक्ष द्वितीया एक जुलाई को भगवान जगन्नाथ को रथारूढ़ करके शहर में रथयात्रा निकाली जाएगी. परम्परा है कि बीमारी के बाद स्वस्थ होने पर भगवान जगन्नाथ जनता का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं. दो जुलाई को भगवान का षोडषोपचार शृंगार कर 56 प्रकार का भोग अर्पित किया जाएगा. तीन जुलाई को भजन कीर्तन के साथ कढ़ी-भात का विशाल भंडारा होगा. मेला स्थल पर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. शहीद उद्यान में रखा प्रभु का रथ भी तैयार कराया जा रहा है.
गुरुवार की शाम डोली श्रृंगार के बाद भगवान की परम्परागत यात्रा पण्डित बेनीराम बाग पहुंचेगी. शाम 4 बजे भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा, भाई बलभद्र के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे. डोली यात्रा पद्मिनी चौराहा, अस्सी चौराहा, नवाबगंज, कश्मीरीगंज, राममंदिर, शंकुलधारा, द्वारिकाधीश मंदिर, बैजनाथ मंदिर होते हुए रथयात्रा बेनीराम का बगीचा जाएगी. यहां विश्राम के बाद शुक्रवार से जग्गनाथ मेले का प्रारंभ हो जाएगा.
रिपोर्ट : विपिन कुमार सिंह