69000 Shikshak Bharti 2020: बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक के मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर रोक के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार की अपील को सुनवाई के लिये सोमवार को अनुमति दे दी लेकिन सरकार द्वारा इस मामले में एकल न्यायाधीश की पीठ के निर्णय पर रोक लगाने के अनुरोध पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. सोमवार को अदालत में सरकार की तरफ से इस मामले को लेकर दाखिल विशेष अपील पर सुनवाई हुई.
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर रोक के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार की अपील को सुनवाई के लिये सोमवार को अनुमति दे दी लेकिन सरकार द्वारा इस मामले में एकल न्यायाधीश की पीठ के निर्णय पर रोक लगाने के अनुरोध पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. सोमवार को अदालत में सरकार की तरफ से इस मामले को लेकर दाखिल विशेष अपील पर सुनवाई हुई.
सरकार ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था :
बता दें कि इस अपील की सुनवाई नौ जून को होनी थी. लेकिन सरकार ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था. न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ के द्वारा सरकार के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, सुनवाई के समय अभ्यर्थियों में से एक रिषभ की ओर से अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने अपना जवाब दाखिल किया. अन्य अभ्यर्थियों की ओर से वकीलों में एचजीएस परिहार, सुदीप सेठ और जेएन माथुर आदि थे. जिन्हें 9 जून दिन मंगलवार सुबह 10 बजे तक उनका जवाब लिखित में देने को कहा गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष याचिका किया था दाखिल :
उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को एक विशेष याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में 69 हजार बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर आगामी नौ जून को सुनवाई करने को कहा था. ईआरए ने अपनी अपील में कहा कि प्रदेश में 69 हजार बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने संबंधी एकल पीठ का तीन जून का निर्णय ‘‘अवैध” है. न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने प्रदेश में 69 हजार बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. अदालत का कहना था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya