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Lucknow Building Collapse: जान बचने की खुशी, गृहस्थी उजड़ने का गम, सदमे में लोग, इस तरह बयां किया खौफनाक मंजर

लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट हादसे मामले में भले ही रेस्क्यू ऑपरेशन तत्काल शुरू करते ही लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया और अब सिर्फ तीन लोगों के मलबे में दबे होने की बात कही जा रही है. लेकिन, ये लोग अभी भी सहमे हुए हैं और इनमें अपनी गृहस्थी तबाह होने का गम भी है.

By Sanjay Singh | January 25, 2023 11:09 AM

Lucknow: राजधानी लखनऊ के वजीर हसन रोड में अलाया अपार्टमेंट के गिरने के बाद सुरक्षित बचे लोग अस्पताल में बुधवार को भी सहमे नजर आए. इनकी आंखों में जहां घटना को लेकर खौफ था, वहीं जान बचने के लिए इन्होंने ईश्वर और रेस्क्यू टीम का आभार जताया. हादसे से प्रभावित लोग और उनके परिजन अब अपनी गृहस्थी उजड़ने को लेकर बेहद गम में हैं. इनमें कई लोगों ने कहा कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें इस तरह बेघर होना पड़ेगा.

सिविल अस्पताल में भर्ती मुस्तफा और नसीम खान ने बताया कि हादसे के समय वह लोग तीसरे तल पर अपने फ्लैट में मौजूद थे. मुस्तफा ने भाई को फोन किया और बचाने की गुहार लगाई. उसने अपने मलबे में दबे होने और सांस लेने में तकलीफ की बात बताई. इसके बाद भाई आनन फानन में वहां पहुंचा.

बिल्डिंग के चौथे तल पर अपने फ्लैट में मौजूद आफरीन हैदर घर पर काम करने वाली महिला के साथ मौके पर फंस गई. आफरीन ने बड़ी बहन फरीन को फोन करके घटना की जानकारी दी. उसने बताया कि वह मलबे में दबी है और उसके ऊपर पिलर है, पैर भी मलबे में फंस गए हैं. ऑक्सीजन की कमी हो रही है. इसके बाद फोन डिस्कनेक्ट हो जाता है.

सूचना मिलते ही फरीन अपने घर वालों के साथ पहुंची. उन्होंने अधिकारियों से रोते हुए बहन और उसके साथ मौजूद महिला को बचाने की गुहार लगाई. फरीन ने बहन को सांस लेने में दिक्कत और मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज होने की बात कही. अधिकारियों ने फरीन को रेस्क्यू ऑपरेशन जारी होने की बात कहर समझाया.

मलबे में दबी उन्नति ने अपने साथी अभिनव को फोन कर मदद मांगी. अभिनव तुरंत मौके पर पहुंचा और उसके बताये स्थान पर रेस्क्यू टीम ने उन्नति की तलाश शुरू की. लोकेशन तलाशने के बाद टीम ने ऊपर मलबे को रोकने के लिए लोहे के रोड लगाए. इस बीच उन्नति को आवाज लगने पर उसने मदद की गुहार लगाई. इस पर मलबे के बीच से बेहद सुरक्षित तरीके से हाथ पकड़कर उसे बाहर निकाला गया. इस दौरान उन्नति बेहद सहमी हुई थी. उसने घटन के वक्त अपने साथ मौजूद दोस्त खालिद को भी बचाने के लिए रेस्क्यू टीम से कहा. देर रात खालिद को भी सुरक्षित निकाल लिया गया.

70 साल के ऐशले बर्न अपने भाई के फ्लैट की मरम्मत के लिए सोसाइटी को रुपये देने गए थे. इस फ्लैट में फिलहाल कोई नहीं रहता है. सोसायटी के पदाधिकारियों को रुपये देने के बाद वह फ्लैट नंबर 403 में यूसुफ के घर गए. इसी दौरान हादसा हो गया. बाद में सुरक्षित बचाए गए ऐशले ने बताया कि उन्हें अचानक से जमीन हिलने का आभास हुआ. इसके बाद कुछ पता नहीं लगा. और हादसा हो गया. जब थोड़ा होश आया तो सिर्फ इतना पता लगा कि उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था. पूरी तरह होश आने पर उन्होंने खुद को सिविल अस्पताल में पाया.

वहीं रंजना अवस्थी ने बताया कि अचानक हुए इस हादसे में लगा कि धरती फट गई और अब बचना मुश्किल है. ऐसे में भगवान को याद करने लगे. उन्होंने बताया कि वह इमारत की तीसरी मंजिल के फ्लैट नम्बर 301 पर बेटी के साथ मौजूद थीं. रेस्क्यू ऑपरेशन में जांच बचने पर उन्होंने ईश्वर का आभार जताया. वहीं इमारत में नियमों के विरुद्ध कराये जा रहे कार्यों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मरम्मत के लिए सभी फ्लैट मालिकों से रुपये लिए गए थे. घायल युसूफ खान ने अस्पताल में कहा कि खौफनाक मंजर देखने के बाद यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि हमारी जिंदगी बच गई. चंद मिनटों में लोग ना पहुंचते तो जान चली जाती.

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अपार्टमेंट गिरने से करीब पांच मिनट पहले नेपाल से लेकर उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. ऐसे में लोगों ने आशंका जताई कि भूकंप के कारण इमारत गिर गई. हालांकि आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि अपार्टमेंट के बेसमेंट में कुछ दिनों से मरम्मत चल रही थी. इस वजह से इमारत की सुरक्षा की अनदेखी हुई और इतना बड़ा हादसा हुआ. पीड़ित परिवारों से जुड़े लोगों ने मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिससे भविष्य में उनकी लापरवाही और भ्रष्टाचार का खामियाजा अन्य व्यक्तियों को न भुगतना पड़े.

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