Lucknow: राजधानी लखनऊ के वजीर हसन रोड में अलाया अपार्टमेंट हादसे में मां और पत्नी की मौत के बाद सपा नेता अब्बास हैदर ने सिविल अस्पताल में हंगामा किया. उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए ओर कहा कि सुविधाओं की कमी के कारण रेस्क्यू में देरी हुई.
इससे पहले आज सुबह रेस्क्यू टीम ने पहले अब्बास की वृद्ध मां आमिर हैदर को बाहर निकाला, उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. कुछ घंटे बाद अब्बास की पत्नी उजमा हैदर को भी रेस्क्यू कर सिविल हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
इस बीच अब अलाया अपार्टमेंट के आसपास की उन इमारतों को खाली कराया जाएगा, जिसमें दरारें आई हैं. यहां रहने वाले परिवारों को सुरक्षित जगह पर भेजा जाएगा. ये कदम एहतियात के तौर पर उठाया जा रहा है. इसके लिए नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण संयुक्त अभियान चलाएगा.
अलाया अपार्टमेंट का निर्माण सपा सरकार के पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे व भतीजे की जमीन पर किया गया था. अपार्टमेंट बनाने का काम यजदान बिल्डर को दिया गया था. इसका एग्रीमेंट पूर्व मंत्री के बेटे व भतीजे ने बिल्डर फहद यजदानी से किया था. अपार्टमेंट में एक पेंट हाउस का निर्माण कराया था. इसे पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के परिवार को दिया गया था. बाद में शाहिद ने इसे सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्बास हैदर को बेच दिया था. इसी में अब्बास का परिवार रहता था, जिसमें मां और पत्नी की हादसे में मौत हो गई.
वहीं अपार्टमेंट में शाहिद मंजूर के हिस्से में दो फ्लैट बचे थे, जिसमें एक शाहिद ने अपनी बेटी को दिया था, जबकि एक उनके पास था. अपार्टमेंट के बेसमेंट में पार्किंग में शाहिद के बेटे नवाजिश ने अपना ऑफिस बनाया हुआ था. बेचे गए फ्लैट की रजिस्ट्री नवाजिश व भतीजे तारिक के नाम से की गई है. इससे भी उनकी पार्टनरशिप इसमें सामने आ रही है.
पुलिस महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि रेस्क्यू टीम मलबा हटाने में लगी हुई है. मलबा बेहद ज्यादा होने के कारण उसे हटाने में दिक्कत हो रही है, क्योंकि इसे सुरक्षित तरीके से हटाकर ही लोगों तक पहुंचना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में रेस्क्यू ऑपरेशन 15 घंटे में पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही थी. लेकिन, अब इसमें और वक्त लग सकता है.
मामले में राजधानी लखनऊ के वजीर हसन रोड में अलाया अपार्टमेंट हादसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है. उनके निर्देश पर घटना की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है. इसमें मंडलायुक्त रोशन जैकब, लखनऊ के ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस पीयूष मोर्डिया और पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर शामिल किए गए हैं. यह कमेटी एक हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. कमेटी हादसे के जिम्मेदार लोगों को चिह्नित करेगी. इसके आधार पर कार्रवाई होगी.