Lucknow Building Collapse: लखनऊ वजीर हसन रोड पर स्थित अलाया अपार्टमेंट के धाराशायी होने के साथ ही यजदान बिल्डर की नींव भी हिल गयी है. एलडीए व लखनऊ प्रशासन उसकी सात अवैध बिल्डिंग से जुड़ी फाइलों की तलाश कर रहा है. ये फाइलें गुम बतायी जा रही हैं. यदि अगले 24 घंटे में फाइलें नहीं मिलीं तो 2010 से 2012 के बीच तैनात रहे एलडीए के अधिकारियों, इंजीनियरों और बाबुओं के खिलाफ एफआईआर करायी जाएगी.
बताया जा रहा है कि यजदान बिल्डर ने वर्ष 2011 से 2012 के बीच लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के कई इंजीनियरों, अफसरों और बाबुओं को उपकृत किया था. अवैध तरीके से खड़े किये गये अपार्टमेंट में फ्लैट भी बांटें. ऐसे ही सात अपार्टमेंट का सुराग जिला प्रशासन और एलडीए की टीम को लगा है. लेकिन इन अपार्टमेंट की गुम फाइलों ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी हैं.
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सूत्रों के अनुसार यजदान बिल्डर ने सदर बाजार में पुराना किला के पास लखनऊ मांटेसरी स्कूल के बगल में अपार्टमेंट बनाने के लिये एकल यूनिट का नक्शा लविप्रा में 27 मार्च 2015 को जमा किया था. यह नक्शा 25 जून 2015 को निरस्तकर दिया गया था. इसके बावजूद यजदान बिल्डर ने लविप्रा (LDA) के अफसरों की मिलीभगत से वहां एक बड़ा अपार्टमेंट खड़ा कर दिया है. एलडीए ने इस मामले में एक नोटिस भी जारी की थी. लेकिन वहां लोग रहने लगे हैं.
इसी तरह यजदान बिल्डर की हजरतंगज के प्राग नारायण रोड स्थित नजूल की भूमि पर बने अपार्टमेंट को एलडीए के अधिकारियों की कृपा से तैयार किया गया था. इस अपार्टमेंट की फाइल भी एलडीए के अधिकारी-इंजीनियर दबाये रहे. इस अवैध अपार्टमेंट को तोड़ने के लिये प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. इसी तरह डालीबाग में भी तीन जगह नियम कानून को ताक पर रखकर अवैध निर्माण की जानकारी एलडीए को मिली है. इन संपत्तियों की भी जांच की जा रही है.
अलाया अपार्टमेंट के गिरने के बाद यजदान बिल्डर पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है. इसी बीच यजदान बिल्डर के ऑनर का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी हो गया. जिसमें अलाया अपार्टमेंट से जुड़े मामले में पूरा ठीकरा सपा विधायक शाहिद मंजूर पर फोड़ा गया है और वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ने खुद को पाक-साफ बताया है. इन सब के बीच अपर सचिव एलडीए ज्ञानेंद्र वर्मा का कहना है कि यदि यजदान बिल्डर के अवैध निर्माण से जुड़ी फाइलें नहीं मिली तो अधिकारियों, इंजीनियर व बाबुओं पर एफआईआर करायी जाएगी.