Lucknow Chunav: नवाबों की नगरी लखनऊ में वोटिंग सबसे कम, शाम 5 बजे तक 55.08% वोटिंग के साथ 9वें स्थान पर
लखनऊ में 9 विधानसभा सीट हैं. इनके नाम हैं 168 मलिहाबाद (सु) लखनऊ, 169 बख्शी का तालाब, 170 सरोजनी नगर, 171 लखनऊ पश्चिम, 172 लखनऊ उत्तर, 173 लखनऊ पूर्व, 174 लखनऊ मध्य, 175 लखनऊ कैंट और 176 मोहनलालगंज (सु)...
पीलीभीत- 61.33
लखीमपुर खीरी- 62.42
सीतापुर- 58.39
हरदोई- 55.29
उन्नाव- 54.05
लखनऊ- 55.08
रायबरेली- 58.40
बांदा- 57.54
फतेहपुर- 57.02
कुल प्रतिशत- 57.45
चौथे चरण में लखनऊ से नहीं थी ऐसी उम्मीदयूपी में बुधवार को हो रहे चौथे चरण के मतदान में 9 जिलों की 59 विधानसभा सीट पर मतदान हो रहा है. इसमें उत्तर प्रदेश की राजधानी की 9 विधानसभा सीट पर हो रहे मतदान की रफ्तार बहुत सुस्त है. दोपहर 3 बजे तक हुए मतदान में लखनऊ टॉप 9 में छठे पायदान पर काबिज है. सबसे ज्यादा मतदान पीलीभीत में हुआ है.
यूपी में तीन बजे तक 49.89 प्रतिशत वोटिंग
पीलीभीत- 54.83
लखीमपुर खीरी- 52.92
सीतापुर- 50.33
हरदोई- 46.29
उन्नाव- 47.29
लखनऊ- 47.62
रायबरेली- 50.84
बांदा- 50.08
फतेहपुर- 52.60
उत्तर प्रदेश विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022
— CEO UP #DeshKaMahaTyohar (@ceoup) February 23, 2022
चौथे चरण के अंतर्गत 09 जनपदों में अपराह्न 01 बजे तक कुल औसतन मतदान 37.45% रहा।#ECI#विधानसभाचुनाव2022#AssemblyElections2022 #GoVote #GoVoteUP #GoVoteUP_Phase4 pic.twitter.com/ARBImEqAz4
यूपी चुनाव के चौथे चरण में दोपहर 1 बजे तक 37.45 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है…
लखनऊ 35.09
सीतापुर 36.98
फतेहपुर 40.35
पीलीभीत 41.23
रायबरेली 37.22
हरदोई 34.29
लखीमपुर 40.90
उन्नाव 35.01
बांदा 37.66
करहल की 266 नंबर पोलिंग बूथ पर हो रहे पुर्नमतदान के तहत दोपहर 1 बजे तक 50.04 फीसदी मतदान.
चुनाव आयोग ने मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए जगह-जगह बूथों पर सेल्फी प्वाइंट बनाया है. मगर सुरक्षा कारणों से लोग वहां पर मोबाइल ले जाने के लिए पाबंद हैं. यानी जहां सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है. वहां पर मोबाइल लेकर जाने की मनाही है. ऐसे में चुनाव आयोग की इस प्लानिंग को लेकर लोग सवाल पूछ रहे हैं. सुरक्षा में तैनात जवानों के पास कोई जवाब नहीं है.
4th Phase: 9 जिलों में सुबह 11 बजे तक का मतदानलखनऊ- 21.42%
पीलीभीत- 27.43%
लखीमपुर खीरी- 26%
सीतापुर- 21.40%
हरदोई- 8.14%
उन्नाव- 22.45%
रायबरेली- 21.41%
बांदा- 23.83%
फतेहपुर- 22.41%
समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पूजा शुक्ला ने लखनऊ में हो रही वोटिंग पर सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने एक चैनल से बताया कि लखनऊ की शिया पीजी कॉलेज में फर्जी तरीके से वोटिंग कराई जा रही है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने की वोटिंगलखनऊ में माल एवेन्यू स्थित पोलिंग बूथ पर मतदान देने पहुंचीं बसपा सुप्रीमो मायावती. सुबह 7 बजे से शुरू हुई वोटिंग में मायावती ने बिना किसी तरह की देरी किए मतदान करके लखनऊ की जनता को एक मतदान करने के लिए सकारात्मक संदेश दिया है.
4th Phase Election UP: उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में तीन चरणों का मतदान हो चुका है. चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी बुधवार को है. यूपी की राजधानी लखनऊ सहित 9 जिलों की 59 विधानसभा सीट पर मतदान होना है. इसके लिए सारी तैयारी भी हो चुकी है. लखनऊ में 9 विधानसभा सीट हैं. इनके नाम हैं 168 मलिहाबाद (सु) लखनऊ, 169 बख्शी का तालाब, 170 सरोजनी नगर, 171 लखनऊ पश्चिम, 172 लखनऊ उत्तर, 173 लखनऊ पूर्व, 174 लखनऊ मध्य, 175 लखनऊ कैंट और 176 मोहनलालगंज (सु)…
168 मलिहाबाद (सु) लखनऊLucknow Purvi Assembly Chunav: यूपी राजधानी की लखनऊ पूर्वी विधान सभा सीट में भले ही 30 साल से भाजपा का परचम लहरा रहा हो, लेकिन इस सीट को 1960 में मुख्यमंत्री देने का श्रेय भी जाता है. 1960 में इस सीट से कांग्रेस के चंद्रभानु गुप्त विधायक चुने गए थे और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था. इसके अलावा यहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. लालजी टंडन, फिर उनके बेटे आशुतोष टंडन और पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र कमल खिला चुके हैं. सूबे में कई बार सरकार बना चुकी सपा और बसपा के प्रत्याशी यहां से अभी तक जीत हासिल नहीं कर पाए हैं.
Also Read: Lucknow Purvi Assembly Chunav: भाजपा के दिग्गजों की गहरी पैठ वाली विधानसभा सीट में क्या सपा लगाएगी सेंध? 169 बख्शी का तालाबBakhshi Ka Talab Assembly Chunav: राजधानी लखनऊ के ग्रामीण इलाकों की एक सीट है बख्शी का तालाब. इस विधानसभा सीट का नाम यहां स्थित मशहूर बख्शी का तालाब से पड़ा है. यहां एयरफोर्स स्टेशन भी है. यहां स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर की बहुत मान्यता है. यह सीट पहले महोना विधानसभा में आती थी. लेकिन 2012 में परिसीमन के बाद इस क्षेत्र को अलग से बख्शी का तालाब विधानसभा का नाम मिला.
Also Read: Bakhshi Ka Talab Assembly Chunav: बीकेटी में होगी सपा-भाजपा के बीच वर्चस्व की जंग, बराबर का रहा है पलड़ा 170 सरोजनी नगरLucknow Sarojani Nagar Assembly Chunav: लखनऊ की नौ विधानसभा में एक सरोजनी नगर ग्रामीण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है. यह मोहनलालगंज लोकसभा के अंतर्गत आती है. लखनऊ कैंट से सटी इस विधानसभा में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र शामिल हैं. इस सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ था. देश-विदेश में ख्याति प्राप्त चिकत्सा संस्थान संजय गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, इसी विधानसभा में स्थित है. इसके अलावा चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट भी यहां है. राजा बिजली पासी किला के अवशेष भी यहीं हैं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर बनी इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के राजा विजय कुमार त्रिपाठी ने पांच जीत का रिकार्ड बनाया था. इस सीट से शारदा प्रताप शुक्ला निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
Also Read: Lucknow Sarojani Nagar Assembly Chunav: सरोजनी नगर है VIP सीट, हर चुनाव में दलों की इज्जत रहती है दांव पर 171 लखनऊ पश्चिमLucknow West Assembly Chunav: जो भी लखनऊ आया वह यहां से चिकन की कढ़ाई के कपड़े जरूर ले जाता है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पश्चिम विधानसभा वही सीट है, जो चिकन की कढ़ाई के लिए जानी जाती है. इस सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ था. जिसमें जनसंघ से एस. शर्मा ने जीत दर्ज की थी. इस सीट पर लगातार छह विधानसभा चुनावों से बीजेपी का कब्जा रहा. सिर्फ एक बार 2012 में यहां से समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी. लेकिन 2017 में बीजेपी ने इसे फिर से सपा से छीन लिया था. इस क्षेत्र में अल्पसंख्यक अच्छी-खासी संख्या में हैं. इसके अतिरिक्त ब्राह्मण, यादव भी यहां अच्छी संख्या में हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन यहां से लगातार तीन बार जीत हासिल करने में सफल रहे थे.
Also Read: Lucknow West Assembly Chunav: चिकन की कढ़ाई के लिए जानी जाती है लखनऊ पश्चिम विधानसभा, जानें चुनावी समीकरण 172 लखनऊ उत्तरLucknow North Assembly Chunav: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की उत्तरी सीट 2012 में आस्तित्व में आई. महोना विधान सभा सीट का विभाजन करके बख्शी का तालाब और उत्तरी नई सीट बनाई गई थी. पहली बार इस विधान सभा में जीत का परचम समाजवादी पार्टी के अभिषेक मिश्र ने फहराया था. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे नीरज बोरा को हराया था. इस चुनाव में बीजेपी से लड़े आशुतोष टंडन तीसरे नंबर पर रहे थे. हालांकि कांग्रेस व बीजेपी में मात्र 16 वोटों का अंतर था. 2017 में नीरज बोरा बीजेपी के टिकट पर यहां से विधायक बनने में कामयाब रहे थे. 2022 के चुनाव इस विधान सभा से कौन जीतेगा यह कहना मुश्किल है.
Also Read: Lucknow North Assembly Chunav: 2012 में बनी लखनऊ पूर्वी विधानसभा, सपा-भाजपा दोनों को मिल चुका है मौका 173 लखनऊ पूर्वीLucknow Purvi Assembly Chunav: यूपी राजधानी की लखनऊ पूर्वी विधान सभा सीट में भले ही 30 साल से भाजपा का परचम लहरा रहा हो, लेकिन इस सीट को 1960 में मुख्यमंत्री देने का श्रेय भी जाता है. 1960 में इस सीट से कांग्रेस के चंद्रभानु गुप्त विधायक चुने गए थे और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था. इसके अलावा यहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. लालजी टंडन, फिर उनके बेटे आशुतोष टंडन और पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र कमल खिला चुके हैं. सूबे में कई बार सरकार बना चुकी सपा और बसपा के प्रत्याशी यहां से अभी तक जीत हासिल नहीं कर पाए हैं.
Also Read: Lucknow North Assembly Chunav: 2012 में बनी लखनऊ उत्तरी विधानसभा, सपा-भाजपा दोनों को मिल चुका है मौका 174 लखनऊ मध्यLucknow Madhya Assembly Chunav: यूपी की राजधानी लखनऊ में विधानसभा की नौ सीटें हैं. इनमें से एक है लखनऊ मध्य सीट. यह सीट लखनऊ लोकसभा के अंतर्गत आती है. इस सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ था. जिसमें कांग्रेस के हरीश चंद्र बाजपेयी ने जीत हासिल की थी. 1989 से यहां बीजेपी के ही प्रत्याशी जीतते आ रहे थे. शहरी क्षेत्र की होने के कारण इस सीट पर आमतौर पर बीजेपी का ही दबदबा रहा है. लेकिन 2012 में समाजवादी पार्टी के रविदास मेहरोत्रा ने इस सीट को जीतकर साइकिल का परचम लहरा दिया था. लेकिन अगले ही चुनाव (2017) में भाजपा के टिकट पर ब्रजेश पाठक ने इस सीट को फिर से बीजेपी के खाते में डाल दिया. इस जीत के बाद योगी सरकार में उन्हें कानून मंत्री भी बनाया गया था. हालांकि इस सीट का सियासी इतिहास बहुत ही रोचक रहा है. यहां मतदान 23 फरवरी को होना है.
Also Read: Lucknow Madhya Assembly Chunav: लखनऊ मध्य से जीते तीन विधायक बन चुके हैं मंत्री, बीजेपी का बना गढ़? 175 लखनऊ कैंटLucknow Cant Assembly Chunav: लखनऊ कैंट विधान सभा में छावनी व शहरी क्षेत्र के हिस्से आते हैं. इस सीट पर शुरुआत में कांग्रेस का कब्जा रहा, इसके बाद 1991 से बीजेपी का ही वर्चस्व रहा. इस सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशियों को सबसे ज्यादा जीत हासिल हुई. समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर बदल-बदल कर प्रत्याशी उतारे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इसी सीट से मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव ने 2017 में चुनाव लड़ा था और वह दूसरे नंबर पर रही थी. बीजेपी की वरिष्ठ नेता रीता बहुगुणा जोशी के लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण 2019 में यह सीट रिक्त हुई. एक बार फिर इस पर बीजेपी से सुरेश चंद्र तिवारी ने जीत दर्ज की. वह चार बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. सबसे ज्यादा सात बार कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की है.
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