Lucknow: वकीलों के प्रदर्शन से पहले लखनऊ पुलिस बैकफुट पर, मोहनलालगंज में दो उपनिरीक्षकों पर FIR दर्ज…
इस प्रकरण को लेकर सेंट्रल बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने आज न्यायिक कार्य से विरत रहने का ऐलान किया है. साथ ही अधिवक्ता आज पुलिस प्रशासन का पुतला फूंक कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे. लखनऊ बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने भी इस मामले में पुतला दहन करने की घोषणा की है.
Lucknow: राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज में वकील की पिटाई प्रकरण में प्रदर्शन से पहले पुलिस बैकफुट पर आ गई है. मोहनलालगंज पुलिस ने इस मामले में आरोपी दो उपनिरीक्षकों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. पीड़ित अधिवक्ता की तहरीर पर दारोगा राजकुमार व वी के सरोज पर एफआईआर दर्ज की गई है.
अधिवक्ताओं ने आज प्रदर्शन कर लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस प्रशासन का पुतला जलाने का ऐलान किया है. इससे पहले पुलिस ने वकीलों के आक्रोश को देखते हुए आनन-फानन में दोनों उपनिरीक्षकों पर एफआईआर दर्ज कर ली, जबकि इतने दिनों से पुलिस अफसर इससे बच रहे थे. साथ ही अधिवक्ताओं की मांगों को लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने मान लिया है. अज्ञात 300 अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस होगा और सड़क हादसे के दौरान दर्ज मुकदमा भी पुलिस वापस लेगी.
इस प्रकरण को लेकर सेंट्रल बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने आज न्यायिक कार्य से विरत रहने का ऐलान किया है. साथ ही अधिवक्ता आज पुलिस प्रशासन का पुतला फूंक कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे. वहीं लखनऊ बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने भी इस मामले में पुराना हाई कोर्ट चौराहे पर कमिश्नरेट पुलिस प्रशासन का पुतला दहन करने की घोषणा की है.
इससे पहले इस प्रकरण में पीड़ित अधिवक्ताओं ने इंस्पेक्टर मोहनलालगंज कुलदीप दुबे समेत पांच पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने की मांग को लेकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया. अदालत ने वकीलों की अर्जी पर रिपोर्ट तलब की है.
मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी. अर्जी अधिवक्ता अरुण कुमार ओझा और अश्वनी कुमार सिंह राठौर ने दाखिल की है. इसमें इंस्पेक्टर मोहनलालगंज कुलदीप दुबे, दारोगा राजकुमार व विजय कुमार सरोज तथा कॉन्स्टेबल रोहित कुमार व संजीव भाटी को आरोपी बनाया गया है.
अदालत में दिए गए प्रार्थना पत्र में अश्वनी कुमार सिंह राठौर की ओर से कहा गया कि 30 दिसंबर 2022 की रात 8:00 बजे वह अपने साथी अरुण कुमार ओझा के साथ लखनऊ आ रहे थे. वह जैसे ही गोसाईगंज रोड पर पुलिस चौकी के पास पहुंचे तभी गलत दिशा में आ रही एक मोटरसाइकिल से उनकी कार की टक्कर हो गई.
आरोप लगाया गया है कि उस समय वहां पर मौजूद दारोगा राजकुमार व वीके सरोज ने उन्हें भद्दी भद्दी गालियां दी और थाने ले गए. जहां कैमरा और लाइट बंद कर दोनों को बुरी तरह से मारा पीटा गया. इसके बाद पुलिस वालों ने अरुण कुमार ओझा का मोबाइल भी छीन लिया.
अर्जी में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने मामले में 5 जनवरी को सुनवाई करते हुए पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के लिए पीड़ित अधिवक्ताओं को मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी देने की अनुमति दी थी. कहा गया कि हाईकोर्ट के आदेश के तहत पीड़ित वकीलों की अर्जी का निस्तारण किया जाए. इस प्रकरण में वकीलों की पुलिस से घटना के बाद से ही ठनी हुई है. पुलिस की कार्रवाई से नाराज वकीलों ने थाने का घेराव कर हाईवे भी जाम किया था