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Ayodhya: अमित शाह के बयान के बाद ट्रस्ट की राम मंदिर निर्माण पर पैनी नजर, दी नई डेडलाइन, 60 प्रतिशत काम पूरा..

राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट की बैठक में मंथन हुआ कि अगले वर्ष मकर संक्रांति में सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार करने की बजाय दिसंबर 2023 में ही मुहूर्त निकाला जाना चाहिए. यही वजह है कि कार्यदाई संस्था को इसे पूरा करने के लिए अगस्त 2023 का लक्ष्य दिया गया है.

Lucknow: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर तैयार होने की घोषणा के बीच निर्माण कार्य में और तेजी होने की उम्मीद की जा रही है. रामलला को गर्भगृह में विराजमान करने के लिए श्रमिक दिन रात जुटे हुए हैं और कहा जा रहा है कि अब तक 60 फीसदी काम पूरा हो गया है. वहीं राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कार्यदायी संस्था को इस वर्ष अगस्त महीने तक हर हाल में काम पूरा करने को कहा है, जिससे योजना के मुताबिक श्रद्धालु रामलला के भव्य दर्शन कर सकें.

पहले भी बदल चुकी है निर्माण कार्य पूरा करने की समय सीमा

इससे पहले ट्रस्ट ने 2022 में बेसमेंट के निर्माण की समय सीमा ​दिसंबर 2023 तय की थी, जिसमें गर्भगृह भी शामिल ​था. बाद में पिछले वर्ष सितंबर में हुई बैठक में इसे थोड़ा और पहले करके अक्टूबर कर दिया गया. वहीं अब श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसे अगस्त 2023 तक हर हाल में पूरा करने को कहा है. ट्रस्ट अपनी इस टाइम लाइन को लेकर पूरी तरह सजग है और उसने निर्माण प्रक्रिया इसी के अनुरूप पूरी करने को कहा है.

ट्रस्ट की बैठक का दिया जा रहा हवाला

दरअसल ट्रस्ट की बैठक में इस बात पर मंथन हुआ कि अगले वर्ष मकर संक्रांति में सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार करने की बजाय दिसंबर 2023 में ही मुहूर्त निकाला जाना चाहिए. दिसंबर 2023 में ही मुहूर्त निकाला जाना चाहिए. यही वजह है कि कार्यदाई संस्था को अगस्त 2023 का लक्ष्य दिया गया है, जिससे नई योजना के मुताबिक अब निर्माण कार्य को समय पर पूरा कराया जा सके. इससे पहले ट्रस्ट ने बीते दिसंबर माह में निर्माण कार्य की तस्वीरें जारी की थी. इसमें गर्भगृह के निर्माण के साथ मंदिर के तराशे गए खंभे भी खड़े किए नजर आ रहे थे. राम मंदिर की नींव उसी दौरान तैयार हो चुकी थी और प्रथम तल के छत के लिए खंभों का आधार खड़ा किया जा रहा था. इसके बाद निर्माण कार्य अब और ज्यादा आगे बढ़ चुका है.

अमित शाह के बाद चंपत राय ने तस्वीर की साफ

ट्रस्ट नई समय सीमा को लेकर कितना गंभीर है, यह अमित शाह के बयान के बाद चंपत राय की टिप्पणी से भी साफ हो जाती है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से जब सवाल पूछा गया कि मकर संक्रांति के बाद प्राण प्रतिष्ठा की बात कही जा रही थी, जबकि अमित शाह 1 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा की बात कह रहे हैं, तो क्या गृह मंत्रालय का राम मंदिर निर्माण में कोई दखल है? इसके जबाब में उन्होंने कहा कि, ‘जो कुछ कहा वो आपको सुनना चाहिए. अरे देखिए उनकी कृपा से ही मंदिर का निर्माण हो रहा है. नहीं तो सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ही नहीं होती. वो देश के सम्मान के लिए काम करने वाला खून है, देश की सम्मान की रक्षा के लिए काम करने वाला खून है.

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2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा बनाएगी मुद्दा

दरअसल अमित शाह ने कहा कि 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर तैयार मिलेगा. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से देश आजाद हुआ, तब से कांग्रेसी इसको कोर्ट में उलझा रहे थे. मोदी जी आए एक दिन सुबह सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और मोदी जी ने उसी दिन राम मंदिर का भूमि पूजन पूरा कर मंदिर निर्माण शुरू कराया. ये भी तय है कि जिस तरह प्रधानमंत्री राम मंदिर भूमि पूजन के लिए आए थे, उसी तरह वह इस वर्ष इसको राम भक्तों को समर्पित करेंगे. इन बयानों से सियासी संदेश भी साफ जाहिर हो गया है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इसे बड़ा मुद्दा बनाने की रणनीति बना चुकी है.

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