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UP Budget Session 2023: योगी आदित्यनाथ सरकार पेश करेगी महाबजट, इन बिंदुओं पर होगा फोकस, मिलेगी सौगात…

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट से पहले इसे आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बताया है, उससे माना जा रहा है कि सरकार का फोकस लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भी होगा. योगी सरकार की पूरी कोशिश होगी कि बजट के जरिए चुनावी समीकरण साधे जा सकें, जिससे पार्टी को यूपी में मिशन 80 साधने में मदद मिले.

Lucknow: केंद्र सरकार के बाद सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करने की तैयारियों में जुट गई है. विधानमंडल का बजट सत्र 20 फरवरी से आयोजित किया जाएगा. पहले दिन विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा. शोक प्रस्ताव के बाद सदन स्थगित हो जाएगा. अगले दिन 21 फरवरी को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सदन में बजट प्रस्तुत करेंगे. यह योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट होगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि ये बजट यूपी की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला होगा. प्रदेश सरकार का यह बजट रोजगार, कृषि, महिलाओं से संबंधित योजनाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के​ लिहाज से बेहद अहम होगा. इसमें सरकार के लोक कल्याण संकल्प पत्र के बिंदुओं को शामिल किया जाएगा.

युवाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार बजट में बड़ा ऐलान कर सकती है. वहीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 से संबंधित निवेश प्रस्तावों को लागू करने के लिए भी बजट में धन की व्यवस्था की जाएगी. अनुमान के मुताबिक बजट का आकार सात लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है.

इससे पहले योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के मई माह में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 6,15,518.97 करोड़ का पहला बजट पेश किया था. इसके बाद दिसंबर में 33769.54 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया था. इसमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के आयोजन के लिए 296.56 करोड़ रुपये का प्रस्ताव था. पूर्व के बजट से तुलना करें तो 2022-23 का वार्षिक बजट 2021-22 के वार्षिक बजट से 10 प्रतिशत अधिक था. वहीं 2021-22 के बजट का आकार 5.5 लाख करोड़ रुपये था और इसे फरवरी 2021 में पेश किया गया था.

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इस बार जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट से पहले इसे आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बताया है, उससे माना जा रहा है कि सरकार का फोकस लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भी होगा. योगी सरकार की पूरी कोशिश होगी कि बजट के जरिए चुनावी समीकरण साधे जा सकें, जिससे पार्टी को यूपी में मिशन 80 साधने में मदद मिले. इसके लिए नई योजनाओं की सौगात दी सकती है. पिछले बजट में 39,181.10 करोड़ की नई योजनाएं शामिल थीं. इस बार इनका दायरा और बड़ा हो सकता है.

सरकार ने जिस तरह से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के आयोजन के लिए पिछले वर्ष अनुपूरक बजट में धन जुटाया था, उसी तरह इस बार योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के​ लिए भी धनराशि की व्यवस्था की जाएगी. औद्योगिक पार्काें के विकास के लिए निजी क्षेत्र के निवेशकों को आर्थिक सहायता से लेकर धार्मिक एजेंडे को गति देने के लिए प्रमुख शहरों में विकास कार्य को लेकर बजट में प्रावधान होगा.

इसी तरह ​किसानों को गन्ना भुगतान, मेट्रो परियोजनाओं, पीडब्ल्यूडी के बड़े प्रोजेक्ट, जेवर एयरपोर्ट, फिल्मी सिटी और युवा कल्याण की योजनाओं के लिए धन का इंतजाम किया जाएगा. साथ ही प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के लिए भी बजट में प्रावधान होगा.

वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में राजकोषीय घाटा 81 हजार 177 करोड़ 97 लाख रुपये था. जो वर्ष के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.96 प्रतिशत था. इस बार इसकी क्या स्थि​ति होगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.

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