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महंत नरेंद्र गिरि ने की आत्महत्या या फिर किया गया मजबूर? सीबीआई जांच की मांग

महंत नरेंद्र गिरि केस: पुलिस को महंत नरेंद्र गिरि से एक पन्ने का जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें उन्होंने अपने शिष्यों आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी पर मानसिक तौर से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

लखनऊ/नई दिल्ली : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के महासचिव महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ की बंद कोठरी में पंखे से झूलता हुआ मिला. आलम यह कि पुलिस को कोठरी का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसना पड़ा. उनकी कोठरी से एक सुसाइड नोट भी मिला है. पुलिस ने जॉर्ज टाउन थाने में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पर आत्महत्या करने के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इसके साथ ही, खबर यह भी है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.

आनंद गिरि समेत तीन को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मीडिया की खबरों के अनुसार, पुलिस को महंत नरेंद्र गिरि से एक पन्ने का जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें उन्होंने अपने शिष्यों आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी पर मानसिक तौर से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. इसके बाद पुलिस ने बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी हिरासत में ले लिया है. इसके साथ ही, इस मामले में तथाकथित तौर पर महेंद्र नरेंद्र गिरि को आत्महत्या करने के लिए उकसाने के मुख्य आरोपी आनंद गिरि को उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है.

अगर जहर खाने से हुई मौत तो फिर गले में रस्सी का फंदा कैसे?

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, नरेंद्र गिरि ने जिस कोठरी में आत्महत्या की, उसका दरवाजा अदंर से बंद था. उनके अनुयायियों की सूचना पर दरवाजा तोड़कर नरेंद्र गिरि के शव को बाहर निकाला गया. पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है. उन्होंने कहा कि सल्फास खाने से मौत की जो बात सामने आ रही है, वह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पाएगी. पुलिस के अनुसार, नरेंद्र गिरि कोठरी अंदर से बंद थी. दरवाजा तोड़ा गया, तो उनके शव को जमीन पर पड़ा पाया गया और उनके गले में नायलोन की रस्सी का फंदा भी था.

किस-किस पर जताया जा रहा संदेह

नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की शुरुआती जांच में उनके शिष्य आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी का नाम सामने आ रहा है. मीडिया की खबरों के अनुसार, पुलिस की शुरुआती जांच में इन तीन लोगों के अलावा चार अन्य लोगों का नाम भी सामने आ रहा है.

बेची गई मठ की संपत्ति

मीडिया की खबरों के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि ने बताया कि मठ की संपत्ति को बेचकर कई लोगों ने बड़ी-बड़ी हवेलियां बनवाई हैं. इनमें नरेंद्र गिरि के सुरक्षाकर्मी अजय सिंह, मनीष शुक्ला, अभिषेक मिश्रा, शिवेक मिश्रा आदि शामिल हैं. इन लोगों की नजर मठ की संपत्ति पर थी.

मठ के करोड़ों रुपये खर्च कर मिश्रा बंधुओं को दिलाया घर

आनंद गिरि ने कहा कि गुरुजी ने मनीष शुक्ला की शादी करवाई थी. उन्होंने मनीष को करोड़ों रुपये का घर भी दिया था. इसके साथ ही अभिषेक मिश्रा को भी गुरुजी ने करोड़ों का घर दिया था. इसके साथ ही शिवेक मिश्रा ने करोड़ों खर्च कर घर बनवाया था. गुरुजी ने इसे भी सहयोग किया था.

कर्ज से घिरे थे महंत नरेंद्र गिरि

महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि ने आगे बताया कि गुरुजी ने डॉक्टर समेत कई उद्योगपति से कर्ज ले रखा था. इस साल के मई महीने के बाद से मेरी गुरुजी से मुलाकात नहीं हुई. हमारी आखिरी मुलाकात लखनऊ में हुई थी.

सुसाइड नोट में लिखी वसीयत

आईजी रेंज केपी सिंह ने मीडिया को बताया कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या करने से पहले जो सुसाइड नोट लिखा है, वह एक प्रकार से वसीयत है. इस वसीयतनामा में शिष्य आनंद गिरि का भी नाम शामिल है. इसमें उन्होंने किस क्या देना है और कितना देना है, इन सबका जिक्र किया है.

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अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष ने की सीबीआई जांच की मांग

वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले पर देवेंद्र सिंह उपाध्यक्ष ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा कि यह मामला सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को दिया जाना चाहिए और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

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