Mahant Narendra Giri Death Case: आनंद गिरि और आद्या तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
Mahant Narendra Giri Death Case: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में आनंद गिरि और आद्या तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. दोनों पर आरोप लगाए गए हैं.
Mahant Narendra Giri Death Case: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में आनंद गिरि को चिकित्सकीय परीक्षण के बाद जिला अदालत में पेश किया गया. यहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी को भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. दोनों को नैनी सेंट्रल जेल ले जाया गया है.
#UPDATE | Anand Giri has been sent to 14-day Judicial custdoy in connection with the president of Akhil Bharatiya Akhada Parishad, Mahant Narendra Giri death case.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 22, 2021
किस-किस को सफाई दूंगा
बता दें, महंत नरेंद्र गिरि की संदेहास्पद मौत के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आयी है. कमरे से मिले 8 पन्नों के सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने एक फोटो का जिक्र किया है. उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि का नाम लेते हुए लिखा है कि वो गलत काम करते हुए मेरी फोटो को वायरल कर देगा. ऐसे में मैं किस-किस को सफाई देता रहूंगा.
Also Read: महंत नरेंद्र गिरि को बाघंबरी मठ में दी गई भू-समाधि, पोस्टमार्टम में फांसी लगने से मौत की पुष्टि
सुसाइड नोट में तीन लोगों का जिक्र
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने कथित सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है. सोशल मीडिया पर वायरल सुसाइड नोट में महंत ने लिखा है, ‘मैं बहुत दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं. मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की होगी.’
Also Read: Mahant Narendra Giri Death: आनंद गिरि गिरफ्तार, मामले की जांच के लिए बनायी गई SIT, जानें अब तक का अपडेट
आनंद गिरि के साथ काफी समय से चल रहा था विवाद
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का लंबे समय से आनंद गिरि से विवाद चल रहा था. आनंद गिरि ने आरोप लगाया था कि 2012 में नरेंद्र गिरि ने गद्दी की आठ बीघा जमीन सपा के तत्कालीन विधायक को 40 करोड़ रुपये में बेच दी थी और पैसे को रिश्तेदारों को दे दिया था. हालांकि, नरेंद्र गिरि ने कहा था कि वह जमीन का हिसाब कोर्ट को दे दिये हैं.
नरेंद्र गिरि पर वसीयत को निरस्त करने का आरोप
आनंद गिरि ने ये भी दावा किया था कि 2015 में उसे बाघंबरी गद्दी का उत्तराधिकारी बनाया गया और 2012 में वसीयत की गयी थी. फिर उसे निरस्त कर दिया गया था. वसीयत को लेकर आनंद गिरि और महंत नरेंद्र गिरि में काफी दिनों तक विवाद चला था.
Also Read: आनंद गिरि पर लग रहे अखाड़े और मठ से जुड़े कई आरोप, महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में ताबड़तोड़ हो रहे खुलासे
रिहाई के नाम पर वसूले चार करोड़ रुपये
ऑस्ट्रेलिया में 2018 में महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप में फंसे आनंद गिरि ने आरोप लगाया था कि उन्हें छुड़ाने के नाम पर नरेंद्र गिरि ने चार करोड़ रुपये वसूले थे. इसके बाद, नरेंद्र गिरि ने पीएम मोदी और सीएम योगी को चिट्ठी लिख कर जान को खतरा बताया था.
Posted by : Achyut Kumar